पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को दावा किया कि लोकतांत्रिक शक्तियां लोगों के एक वर्ग के हाथों में केंद्रित होती जा रही है, जो देश को अध्यक्षीय शासन-व्यवस्था की ओर ले जा सकता है। न्यायपालिका और विभिन्न क्षेत्रों के शीर्ष नेतृत्व से ‘लोकतंत्र को बचाने’ का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि अगर यह प्रवृत्ति जारी रही, तो एक दिन ऐसा आएगा जब देश में राष्ट्रपति शासन लगेगा।
भाजपा का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि इस कदम के पीछे सत्ताधारी पार्टी का हाथ है। ममता ने यहां वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरीडिकल साइंसेज (एनयूजेएस) के दीक्षांत समारोह में न्यायपालिका से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि देश का संघीय ढांचा अक्षुण्ण बना रहे।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ”सभी लोकतांत्रिक शक्तियां लोगों के एक वर्ग के हाथों में केंद्रित होती जा रही है; यह देश को अध्यक्षीय शासन-व्यवस्था की ओर ले जा सकता है।” ममता दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि थीं। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
ममता ने यह भी दावा किया कि लोगों को ‘अनावश्यक’ परेशान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की कई मौकों पर राज्य और केंद्र सरकार की शक्तियों को लेकर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के साथ टकराव की स्थिति रही है।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि उनका मानना है कि न्यायपालिका को उनके तारणहार के रूप में कार्य करना होगा। उन्होंने विभिन्न मामलों में मीडिया ट्रायल का आरोप लगाते हुए (लोकतंत्र के) चौथे स्तंभ को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि न्यायपालिका के फैसला सुनाने से पहले ही लोगों के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं।