उत्तर प्रदेश के वाराणसी में IMS BHU Doctors Conflict के कारण हार्ट के मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर के के गुप्ता पर पिछले 9 महीनों से हृदय रोग विभाग के 41 बिस्तरों पर जबरन मरीजों की भर्ती रोकने के आरोप लगे हैं। इलाज के अभाव में मरीजों की मौत जैसा गंभीर आरोप भी लग रहा है। आरोप है कि केके गुप्ता और हृदय रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ओम शंकर के बीच तनातनी के कारण हार्ट के मरीज अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हो रही है कि इलाज करने पहुंचे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि IMS बीएचयू के चिकित्सा अधीक्षक और कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष के बीच एक बार फिर रार छिड़ गई है। हृदय रोग विभाग में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर दोनों आमने-सामने हैं।
आईएमएस बीएचयू के हृदय रोग विभाग में मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है। आए दिन मरीजों को बिना इलाज के वापस लौटना पड़ रहा है। इसको लेकर कार्डियोलोजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ओम शंकर ने अस्पताल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से उन्होंने मरीजों का दर्द बयां किया। चिकित्सा अधीक्षक पर मरीजों की भर्ती जबरन रोकने का आरोप लगाया। हालांकि ये फेसबुक अकाउंट वेरिफाइड नहीं है।
हालात के बारे में अमर उजाला की रिपोर्ट में कहा गया, आईएमएस बीएचयू की स्थिति यह है कि सुपर स्पेशलिस्ट ब्लॉक में बने कार्डियो केयर यूनिट (सीसीयू) मैं मरीजों को भर्ती होने का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ओम शंकर ने पिछले दिनों भी इस समस्या को लेकर आवाज उठाई थी, मगर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सोशल मीडिया पर भी उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि, इनकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं हो सकी है।
खबर हिंदी की टीम ने डॉ प्रोफेसर ओम शंकर और डॉ के के गुप्ता से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन दोनों की तरफ से कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया। बहरहाल मामला जो भी हो, मरीजों के हित में डॉक्टरों को आपसी टकराव छोड़ना ही चाहिए।
रिपोर्ट-
आराध्या मौर्या