सुप्रीम कोर्ट में मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया पर बहस के दौरान केंद्र सरकार की पैरवी कर रहे अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी आपना आपा खो बैठे। प्रशांत भूषण की दलीलों और बीच में टोकने पर भड़के आर वेंकटरमणी ने भूषण से मुंह बंद रखने को कहा।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बेहद तेज और अप्रत्याशित गति से हुई मुख्य निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति के मामले में केंद्र से कई कठिन सवाल पूछे हैं। गुरुवार को सुनवाई के दौरान जस्टिन केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने कहा कि एक ही दिन में नामांकन से नियुक्ति तक की प्रक्रिया पूरी कैसे कर ली गई ?
CEC Arun Goel Appointment के रेफरेंस से कॉलेजियम जैसी प्रणाली की अपील करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वे गोयल पर सवाल नहीं खड़े कर रहे, बल्कि नियुक्ति प्रक्रिया Lightening Speed से कैसे काम कर रही है, इससे हैरान हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि ये असामान्य नहीं है। कोर्ट ने जानना चाहा कि अगर 15 मई से ही वैकेंसी के बारे में जानकारी थी, तो 18 नवंबर को प्रक्रिया पूरी करने के पीछे क्या वजह है ?
अदालत ने कहा कि 18 नवंबर को बेहद तेज गति से नामांकन, उम्मीदवार की योग्यता पर विचार और नियुक्ति पत्र जारी होने तक की प्रक्रिया बेहद तेज होने के साथ कई उम्मीदवारों में चार की शॉर्टलिस्टिंग और किसी भी CEC की पूरे 6 साल के लिए नियुक्ति न होने पर भी हैरानी जताई।
बता दें कि प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिकाओं के लिए लोकप्रिय हैं। सुप्रीम कोर्ट में राफेल मामला, इलेक्टोरल बॉन्ड और नोटबंदी जैसे मसलों पर प्रशांत भूषण सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करते रहे हैं।