Diwali 2022 कई मायनों में विशेष है। दीपावली को त्योहारों को देखते हुए मिट्टी का दीया बनाने वाली महिलाओं की आमदनी बढ़ी है। भारत सरकार के खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा चलाए जा रहे स्फूर्ति योजना से बनारस में लगाए गए काशी पॉटरी क्लस्टर मैं लगभग 50 महिलाएं दीपावली के दीए बना रही हैं। इसमें पारंपरिक और सादे दीये के साथ-साथ 10 तरह के डिजाइनर दीये भी शामिल हैं।
दीपावली में तीन लाख से ज्यादा दीये
काशी पॉटरी क्लस्टर में दीया बनाने की ट्रेनिंग महिलाओं को दी जा रही है। ऑर्डर मिलने पर उन्हें काम भी दिया जाता है। इस वर्ष काशी की देव दीपावली में तीन लाख से ज्यादा दीये लगने वाले हैं। इसका आर्डर यहां की महिलाओं को मिला हुआ है और वह दिन रात लग कर महिलाएं आर्डर को पूरा करने में जुटी हुई हैं।
अधिक दीया बनाने से आमदनी भी बढ़ी
काशी पॉटरी क्लस्टर में काम करने वाली रेखा ने बताया कि ज्यादा आर्डर मिलने से हमें खुशी है और हम दिन रात लग कर उस ऑर्डर को पूरा कर रहे हैं। हमारी आमदनी भी बढ़ी है।
उत्साह के साथ हो रहा है काम, ओवरटाइम की टेंशन नहीं
दीया बनाने वाले केंद्र काशी पॉटरी क्लस्टर पर एक अन्य महिला सुशीला ने बताया कि पारंपरिक दीयों के साथ 10 तरह के डिजाइनर दीये भी बनाए जा रहे हैं। केंद्र पर बड़े ऑर्डर के कारण सुबह जल्दी आते हैं। शाम को देर से घर जाते हैं। ज्यादा काम करने के कारण हम लोगों की आमदनी भी ज्यादा हो रही है।
अधिक काम करना पड़ रहा, लेकिन उत्साह भी है
काशी पॉटरी क्लस्टर के सीडीए आशीष सिंह ने बताया कि काशी की देव दीपावली के लगभग ढाई से तीन लाख दिनों का आर्डर मिले हैं। महिलाओं को इस समय ज्यादा काम करना पड़ रहा है, लेकिन उनकी आमदनी भी बढ़ी है।
दिल्ली तक है दीयों की डिमांड
वाराणसी में दीया निर्माण में जुटीं महिलाओं की कला और कला की पॉपुलैरिटी के संबंध में सीडीए आशीष ने बताया कि हमारे डिजाइनर दिए दिल्ली तक जा रहे हैं और आसपास के जिलों में भी इनकी डिमांड है।