Logo
  • July 27, 2024
  • Last Update July 25, 2024 2:05 pm
  • Noida

10 नवंबर को होगी Gyanvapi मामले की सुनवाई, 12 को खत्म हो रहा है ‘शिवलिंग’ को सुरक्षित रखने का फैसला

10 नवंबर को होगी Gyanvapi मामले की सुनवाई, 12 को खत्म हो रहा है ‘शिवलिंग’ को सुरक्षित रखने का फैसला

सुप्रीम कोर्ट Gyanvapi मस्जिद में कथित तौर पर मिले शिवलिंग की सुरक्षा से संबंधित याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई करेगा। इससे पहले मई में शीर्ष अदालत ने क्षेत्र को संरक्षित करने का आदेश दिया था। कथित शिवलिंग के क्षेत्र को संरक्षित रखने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश 12 नवंबर को खत्म हो रहा है। इसलिए पांच हिंदू महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने पिछले आदेश की अवधि समाप्त होने से पहले मामले को सूचीबद्ध करने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ मामले पर जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गई और मामला 12 नवंबर से पहले सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मस्जिद में कथित तौर पर मिले शिवलिंग की सुरक्षा से संबंधित याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई करेगा। इससे पहले मई में शीर्ष अदालत ने क्षेत्र को संरक्षित करने का आदेश दिया था। कथित शिवलिंग के क्षेत्र को संरक्षित रखने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश 12 नवंबर को खत्म हो रहा है।

इसलिए पांच हिंदू महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने पिछले आदेश की अवधि समाप्त होने से पहले मामले को सूचीबद्ध करने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ मामले पर जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गई और मामला 12 नवंबर से पहले सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है।

इससे पहले अपने आदेश में पीठ ने संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि मस्जिद के अंदर जिस स्थान पर ‘शिवलिंग’ पाए जाने की सूचना है, वह सुरक्षित रहे। हालांकि पीठ ने आदेश दिया कि इससे मुसलमानों के नमाज अदा करने के अधिकार को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए।

दीवार घड़ी बनाने वाले Oreva Group को कैसे मिला मोरबी पुल की मरम्मत का ठेका? अब जांच के दायरे में

शीर्ष अदालत ने जिला न्यायाधीश, वाराणसी को निर्देश दिया था कि वह मामले को खारिज करने की मांग करने वाली ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति के आवेदन पर फैसला करे। समिति ने कहा था कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम के मद्देनजर यह मुकदमा चलने योग्य नहीं था।

 

 

editor
I am a journalist. having experiance of more than 5 years.

Related Articles