Kashi Dev Deepawali, अद्भुत काशी की अभूतपूर्व देव दीपावली ! संपूर्ण विश्व को मोक्ष प्रदान करने वाली वाराणसी में असंख्य दीपों वाली देव दीपावली मनाई गई। आप सब भी इस अलौकिक क्षण के साक्षी बनें।
देवाधिदेव महादेव बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में देव दीपावली के मौके पर अलौकिक मंजर देखने को मिला। इस मौके को चिरंतन और अविस्मरणीय बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने खास तैयारियां की हैं। ड्रोन कैमरों की मदद से आप तक पहुंचाई जा रही हैं मां गंगा के किनारों पर रोशनी से नहाई काशी की कमाल की तस्वीरें। (फोटो सौजन्य-@uptourismgov)
गंगा किनारे बसने वाले कलाकारों ने मातृभूमि से मिट्टी लेकर सैकड़ों दीये तैयार किए। इन दीपकों की रोशनी में देव दीपावली का मंजर ऐसा दिखा मानो ज्योति यानी प्रकाश की लौ पूर्णिमा के मौके पर चांद तक की चमक फीकी कर रही है। एरियल शॉट में नजारा इतना विहंगम दिखा मानो काशी विश्वनाथ के दरबार का सौंदर्य देखकर कैलाशपति महादेव खुद झूम उठे हों।
देश-दुनिया से जुटने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए देव दीपावली की शाम अविस्मरणीय बने, इसके लिए वैज्ञानिक तरीकों से प्रकाश की ‘बारिश’ के प्रयास किए जाते हैं। मां गंगा कि लहरों से पैदा होने वाला संगीत और लेजर लाइट की तरंगों के बीच देव दीपावली 2022 निश्चित रूप से अविस्मरणीय बन गई।
मां गंगा की गोदी में नाव पर बैठे श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दरबार का अलौकिक मंजर देखा। इस मौके पर मन और आस्था की आंखों से गंगा किनारे कुछ ऐसे दिखाई दे रहे थे, मानो दूधिया रौशनी में नहाए गंगा किनारे देवलोक के देवी-देवताओं को कलयुग में काशी वास के लिए आमंत्रित कर रहे हों।
काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने से पहले मां गंगा का पुण्य स्मरण और उनकी आंचल में डुबकी लगाना अनिवार्य है। मां गंगा की लहरों के बीच कार्तिक महीने में स्नान करने का पुण्य अर्जित करने के बाद लाखों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ का दर्शन करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा द्वार कुछ ऐसा दिख रहा था, मानो विज्ञान के समर्थन से लेजर लाइट जलाकर देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया गया और उनके आने का मार्ग तैयार किया जा रहा हो।
गंगा किनारे उतरे ‘आकाशगंगा के सितारे’ , काशी में मनायी गयी भव्य और अलौकिक देव दीपावली। 21 लाख दीपों से जगमग हुई सम्पूर्ण काशी नगरी, गंगा तट पर जलाये गये 10 दीये। उत्तर प्रदेश टूरिज्म डिपार्टमेंट के ट्विटर हैंडल (@uptourismgov) से शेयर की गईं तस्वीरें खुद सारी कहानी बयां कर रही हैं। आखिरकार एक तस्वीर लाखों शब्दों के बराबर जो होती है।
कैमरे की लेंस में काशी की देव दीपावली की ऐसी तस्वीरें कैद हुई हैं, जिनसे स्वर्ग में होने का या यूं कहें कि पारलौकिक एहसास होना स्वाभाविक है। ऐसे नजारों के बीच कुछ वक्त गुजारने पर ऐसी अनुभूति होती है मानो देवलोक / स्वर्ग से काशी पहुंचे देवी-देवता और काशी का अलौकिक मंजर देखकर भावविभोर हुए भक्तों के समागम से पैदा होने वाली भावनात्मक लहरें मां गंगा की लहरों की तरह ही हर एक निश्छल आंख से प्रेम की अविरल धारा के रूप में छलक उठेगी।
मोक्षनगरी काशी में जब हर दिन शाम के समय मां गंगा की आराधना के लिए गंगा आरती का आयोजन होता है तो इस समय का मंत्रोच्चार, घंटियों की ध्वनि और संगीत की धुन पारलौकिक एहसास कराती है।
देव दीपावली के मौके पर लाखों की संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं को भागीरथी गंगा के किनारों पर दीपमाला और अन्य आयोजनों का आनंद लेते देखा जा सकता है। दशाश्वमेध घाट से क्लिक की गई तस्वीर।
दूधिया रोशनी से नहाई काशी की धरती पर जब देवलोक के देवी-देवताओं का आगमन हुआ तो पहचानना मुश्किल था कि दिव्य धराधाम काशी में भक्त कौन भगवान कौन। ऐसा लग रहा था मानो देव दीपावली के मौके पर रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की पंक्तियां चरितार्थ हो रही हों, जब उन्होंने कहा- सीयराम मय सब जग जानि, करहूं प्रनाम जोरी जुग पानी। अर्थात पूरी दुनिया में बस सीता-राम की छवि दिखाई दे रही है, और दोनों हाथों को जोड़कर भक्त उन्हें प्रणाम कर रहे हैं।
दशाश्वमेध घाट पर यूं तो प्रतिदिन गंगा आरती देखने के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों का हुजूम उमड़ता है, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर विहंगम नजारे को अपने नयनों से निहारना और पारलौकिक मंजर को अपनी स्मृति में चिरस्थायी कर लेना अलग ही अनुभूति कराता है। ऐसा ही नजारा दिखा जब दर्शक भावविभोर होने के अलावा मंत्रमुग्ध भी हो गए।
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Kashi Dev Deepawali, तस्वीरों में देखें अद्भुत काशी की अभूतपूर्व देव दीपावली
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Kashi पहुंचे Film Director Eklavya Sakpal, छटा निहार हुए मंत्रमुग्ध
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Dev Deepawali, तैयारियां पूरी, घाटों का नजारा, टूटेगा कंस का अहंकार