Mahakal Corridor, Madhya Pradesh की धार्मिक नगरी उज्जैन के महाकालेश्वर (Mahakal Corridor) परिसर में बने महाकाल लोक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के लिए समर्पित किया। उन्होंने रिमोट के जरिए रक्षा सूत्र से बनी शिवलिंग के आवरण को हटाया।
प्रधानमंत्री मोदी (Pm Narendra Modi) भारतीय वायु सेना के विमान से इंदौर और फिर वहां से हेलीकॉप्टर से उज्जैन पहुंचे, जहां उन्होंने महाकाल के दरबार में पहुंचकर विशेष पूजा अर्चना की।
उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने महाकाल लोक (Mahakal Lok Corridor) पर पहुंचकर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच रक्षासूत्र से बनी 15 फुट उंची शिवलिंग की प्रतिकृति से रिमोट से आवरण को हटाया। उसके बाद उन्होंने राज्यपाल मंगुभाई पटेल व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ महाकाल लोक का जायजा लिया।
श्री महाकाल लोक क्षेत्र विकास परियोजना की अनुमानित लागत 800 करोड़ रुपए है। योजना के प्रथम चरण में 350 करोड़ रुपए की लागत से भगवान श्री महाकालेश्वर के आंगन में छोटे और बड़े रूद्रसागर, हरसिद्ध मंदिर, चार धाम मंदिर, विक्रम टीला आदि का विकास किया गया है।
जिसमें महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिड-वे झोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डैक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स और गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स का कार्य शामिल हैं।
महाकाल कॉरिडोर के प्रथम घटक में पैदल चलने के लिए उपयुक्त 200 मीटर लम्बा मार्ग बनाया गया है। इसमें 25 फीट ऊँची एवं 500 मीटर लम्बी म्युरल वॉल बनाई गई है। साथ ही 108 शिव स्तंभ, शिव की विभिन्न मुद्राओं सहित निर्मित हो चुके हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रहे हैं।
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इन स्तंभों में भगवान शिव के आनंद तांडव स्वरूप को दर्शाया गया है। महाकाल पथ के किनारे भगवान शिव को दशार्ने वाली धार्मिक मूर्तियां स्थापित की गई हैं। पथ के साथ दीवार चित्र शिव पुराण की कहानियों पर आधारित हैं।
लोटस पोंड, ओपन एयर थिएटर तथा लेक फ्रंट एरिया और ई-रिक्शा एवं आकस्मिक वाहनों के लिए मार्ग भी बनाए गए हैं। बड़े रूद्र सागर की झील में स्वच्छ पानी भरा गया है।
दूसरे चरण के कार्य वर्ष 2023-24 में पूर्ण होंगे। इस चरण में महाराजवाड़ा परिसर का विकास किया जायेगा। जिसमें ऐतिहासिक महाराजवाड़ा भवन का हेरिटेज के रूप में पुनर्पयोग, कुंभ संग्रहालय के रूप में पुराने अवशेषों का समावेश और इस परिसर का महाकाल मंदिर परिसर से एकीकरण किया जायेगा।