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  • November 22, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

Massan ki Holi, बनारस में हरिश्चन्द्र घाट पर मसाने की होली, VIDEO

Massan ki Holi, बनारस में हरिश्चन्द्र घाट पर मसाने की होली, VIDEO

Massan ki Holi, देश में होली (Holi) के रंगों का खुमार और हुरियारों का जोश त्योहार से पहले ही दिखने लगा है l वहीं भगवान शिव की नगर कही जाने वाली काशी (Kashi) में होली की परंपरा ना सिर्फ सदियों पुरानी मानी जाती है बल्कि ये अनोखी भी है l दरअसल माना जाता है कि बाबा भोलेनाथ खुद अपने भक्तों को होली के हुड़दंग की अनुमति देते हैं l

काशी विश्वनाथ के इस शहर में रंगों की होली के अलावा एक होली ऐसी भी है जो कि चिताओं की भस्म से मनाई जाती है l बाबा विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण के बाद अब परिसर में होली खेलने के लिए काफी बड़ी जगह बन चुकी है l

रंगों से होली के साथ-साथ चिता की भस्म से भी होली खेली जाती है। वाराणसी के मणिकर्निका घाट पर शिव भक्त चिता की भस्म से होली खेलते हैं जिसे मसान होली (Masan Holi) कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ अपने भक्‍तों को महाश्‍मशान से आशीर्वाद देते हैं। वो मणिकर्णिका पहुंचते हैं और गुलाल के साथ ही चिता भस्‍म से होली खेलते हैं।

माना जाता है कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव मां गौरी का गौना कराकर अपने धाम लेकर जाते हैं। शिव देवताओं और मनुष्यों के साथ उस दिन होली खेलते हैं। लेकिन शिव के प्रिय माने जाने वाले भूत प्रेत इस उत्सव में शामिल नहीं हो पाती इसलिए अगले दिन शिव मरघट पर उनके साथ चिता की भस्म से मसान होली (Masan Holi) खेलते हैं।

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इसी मान्यता के साथ 16वी शताब्दी में जयपुर के राजा मान सिंह ने मसान मंदिर का निर्माण काशी में करवाया था, जहां भक्त हर साल मसान होली खेलते
मसान होली या चिता भस्म होली पूरी दुनिया में आकर्षण का केंद्र है जिस में शामिल होना लोग अपना सौभाग्य समझते हैं चिता भस्म होली काशी का एक ऐसा उत्सव है जिसका अपना अलग ही आनंद है और इसका शब्दों में वर्णन करना मुश्किल होता है

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