Mohanlal Panda, विज्ञान भवन में सम्मान पाने के बाद डॉ मोहनलाल पंडा ने कहा कि यह समय है जब हम सामाजिक संतुलन को तोड़ते हैं और सुधार को मजबूत करते हैं। कोई भी व्यक्ति, कोई समूह या कोई भी नेटवर्क कहीं भी स्थिति को बदल सकता है।
हमें यह देखना होगा कि अधिक से अधिक लोग पिरामिड के निचले भाग में अधिक संपत्ति बनाने का प्रयास करें। लोकतांत्रिक पूंजीवाद की छत्रछाया में नवाचार और प्रतिस्पर्धा होने दें। सामाजिक उद्यमियों की संख्या जितनी अधिक होगी, देश उतना ही आत्मनिर्भर और आत्मनिर्भर बनेगा। डॉ पंडा के जन्मदिन पर यह उनके लिए यादगार तोहफा मिला।
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दिल्ली में रहने वाले डॉ. मोहनलाल पांडा के पास पीएच.डी. जेएनयू से डिग्री और एक विकास सलाहकार और एक स्वतंत्र परियोजना मूल्यांकनकर्ता के रूप में काम करता है। वह जनमित्र न्यास के सेंटर फॉर लाइवलीहुड एंड सोशल एंटरप्रेन्योरशिप, जन मित्र न्यास के निदेशक भी हैं।
केंद्र समाज के सबसे हाशिये पर रहने वाले समुदायों के लिए आजीविका के अवसर पैदा कर रहा है। यह ट्रस्ट के स्वयंसेवकों को उपलब्ध व्यावसायिक अवसरों से भी जोड़ रहा है। वह AAM Consultancy Pvt Ltd नाम की एक कंसल्टिंग कंपनी के भी मालिक है।
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मोहनलाल पांडा का जन्म बौध, ओडिशा में हुआ था। उन्होंने बौध में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और संबलपुर चले गए, जहाँ उन्होंने गंगाधर मेहर कॉलेज, जो अब एक स्वायत्त विश्वविद्यालय, संबलपुर, ओडिशा है, से कला स्नातक (राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान), 1987 पूरा किया।
उन्होंने राजनीति विज्ञान में संबलपुर विश्वविद्यालय, बुर्ला से स्नातकोत्तर किया। उन्हें 1999 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी की उपाधि से सम्मानित किया गया था।