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  • November 22, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

Rangbhari Ekadashi, भक्तों के साथ बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती ने खेली होली

Rangbhari Ekadashi, भक्तों के साथ बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती ने खेली होली

Rangbhari Ekadashi, काशी में रंगों के त्योहार होली का खुमार रंगभरी एकादशी से शुरू होता है। इस दिन ही बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती अपने भक्तों के साथ होली खेलते हैं l इसके बाद काशी में होली का आगाज हो जाता हैl इस बार रंगभरी एकादशी का 3 मार्च को मनाई जाएगी l

सनातन परंपरा में होली से कुछ दिनों पहले पड़ने वाली आमलकी या फिर रंगभरी एकादशी का बहुत ज्यादा महत्व है भले ही एकादशी को भगवान श्री विष्णु की पूजा के लिए जाना जाता हो लेकिन फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष को पड़ने वाी एकादशी तिथि हरि (विष्णु) और हर (शिव) दोनों की पूजा के लिए जानती जाती है l

यह साल की एकमात्र एकादशी है जिसमें विशेष रूप से शिव साधना की जाती है l यही कारण है कि रंगभरी एकादशी के दिन बड़ी संख्या में भोले के भक्त बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी पहुंचते हैं और माता गौरी और महादेव के संग होली खेलते हैं l और यही नहीं होली के आते ही कान्हा की नगरी में भी होली का उल्लास भी शुरू हो गया है l

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भारत में होली का त्योहार कई तरह से मनाया जाता है रंग, गुलाल के अलावा कहीं फूलों से तो कहीं लठ्‌ठ से होली खेली जाती है l होली मनाने के ये तरीके विश्व प्रसिद्ध है l हर साल फुलेरा दूज से होली की शुरुआत हो जाती है और रंग पंचमी पर इसका समापन l ब्रज में फुलेरा दूज पर राधा-कृष्ण फूलों की होली खेलते हैं

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