Logo
  • July 27, 2024
  • Last Update July 25, 2024 2:05 pm
  • Noida

Varanasi, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में छिपा है विद्या ज्ञान

Varanasi, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में छिपा है विद्या ज्ञान

वाराणसी : यूपी के मुख्य सचिव ने जी20 शास्त्रार्थ में प्रतिभाग किये बच्चों से वार्ता करते हुए कहा कि आज हमारे देश का नवजागरण का वक़्त है, जिसके संबंध में उन्होंने मिशन चंद्रयान का उदाहरण देते हुए बच्चों को प्रोत्साहित किया।

उन्होंने इसके पीछे भारत की सनातन परंपरा, वेद आदि को बताते हुए कहा कि आपके लाइब्रेरी में सोने की खान रूपी विद्या ज्ञान छिपा हुआ है। उन्होंने प्राचीन संतों को वैज्ञानिक, रसायनविद्, भौतिकविद् बताते हुए उनके द्वारा रचित ग्रंथों को विद्यार्थियों के लिए संजीवनी बताया।

उन्होंने बृहदेश्वर मंदिर, मीनाक्षी मंदिर के वास्तुकला की चर्चा करते हुए इसे प्राचीन इंजीनियरिंग का उदाहरण बताया। उन्होंने संस्कृत को प्राचीन एवं देवभाषा भाषा बताते हुए कहा कि वो भी संस्कृत सीखने हेतु प्रयासरत हैं।

उन्होंने हजारों साल पहले के रचित ग्रंथों से सबक लेकर इस पर पुनः वापस आने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों से कहा कि आप सौभाग्यशाली है कि आप इस महान संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र हैं।

उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के द्वारा नवजागरण हेतु किये जा रहे प्रयासों को भी बताते हुए कुलपति से इस विश्वविद्यालय की शाखा पूरे विश्व में फैलाने को कहा। मुख्य सचिव ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि आप सभी वसुधैव कुटुम्बकम को चरितार्थ करने हेतु प्रयासरत रहिये। उन्होंने सभी को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

 

मुख्य सचिव ने कैम्पस का निरीक्षण करते हुए अब तक हुए कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए और सुधार करने हेतु निर्देशित किया तथा साफ- सफाई पर और कार्य करने को निर्देशित किया। उन्होंने छात्रावास में रह रहे बच्चों से भी वार्ता करते हुए उनके मूल स्थान, संस्थान में हुए सुधारों तथा छात्रावासों की स्थिति की भी जानकारी ली।

कुलपति को संस्कृत को सर्वसुलभ बनाने हेतु प्रयास करने को हर संभव प्रयास करने हेतु निर्देशित किया। मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालय द्वारा चलाये गये ऑनलाइन संस्कृत कोर्स के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय लंबे क्षेत्रफल से नहीं बल्कि वहां का ज्ञान आचार्य, प्राचार्य व बच्चों से बनता है। उन्होंने कहा कि हम लोग में नकारात्मक भावना का विकास गुलाम होने से आया, जिसे फिर से हमें बदलने की जरूरत है।

हम अनंत हैं, असीम हैं। हमें नवाचार को पुनः प्रेरित होना होगा, ताकि एक नए उमंग के साथ आगे बढ़ सकें और विश्व के कल्याण हेतु प्रेरित हो सकें। इस दौरान कुलपति ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्य सचिव को विश्वास दिलाया कि वो पूरी ताकत के साथ सुधारों हेतु लगातार प्रयासरत रहेंगे।

editor

Related Articles