Joshimath Land Subsidence उत्तराखंड के सैकड़ों परिवारों के विस्थापन का कारण बना है। अब तक 863 इमारतों में दरार पाई गई। राज्य सरकार ने 300 से अधिक प्रभावित परिवारों के बीच 4 करोड़ रुपये से अधिक की तत्काल मदद राशि का वितरण किया है। जोशीमठ भूमि धंसाव मामले में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने बताया कि हाल के दिनों में इमारतों में दरारों की संख्या नहीं बढ़ी है। कुल 863 इमारतों में दरारें देखी गईं। इमारतों में दरारें भूमि के धंसने और उत्तराखंड के जोशीमठ नगर क्षेत्र में भूस्खलन के कारण आई हैं।
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव और भूस्खलन के बाद राज्य सरकार द्वारा राहत, बचाव और स्थायी एवं अस्थायी पुनर्वास पर कहा, “जोशीमठ में 233 प्रभावित भूस्वामियों को अंतरिम राहत के रूप में 3.50 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। 105 प्रभावित Tenants को तत्काल राहत के रूप में 52.50 लाख रुपये की राशि वितरित की गई है।”
उन्होंने कहा कि जोशीमठ में पानी का शुरुआती डिस्चार्ज जो 6 जनवरी, 2023 को 540 एलपीएम था। 28 जनवरी को पानी का रिसाव घटकर 170 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) हो गया है। उन्होंने कहा कि अस्थायी रूप से चिह्नित राहत शिविरों में जोशीमठ में 2957 लोगों की क्षमता वाले कुल 661 कमरे और पीपलकोटी में 2205 लोगों की क्षमता वाले 491 कमरे हैं।
रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि गांधीनगर में एक, सिंहधार में दो, मनोहरबाग में पांच और सुनील में सात वार्ड को असुरक्षित घोषित किया गया है। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं। उन्होंने कहा, “248 परिवारों को सुरक्षा के मद्देनजर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 900 है। 41 प्रभावित परिवार रिश्तेदारों या किराए के घरों में चले गए हैं।”
गौरतलब है कि जोशीमठ में कई घरों में दरारें दिखाई देने के बाद सैकड़ों निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए राहत केंद्रों में भेजा गया। बता दें कि उत्तराखंड सरकार पहले ही जोशीमठ के प्रभावित परिवारों के लिए करोड़ों रुपये के राहत पैकेज की घोषणा कर चुकी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुसार हिमालयी राज्य में क्रमिक भूमि धंसाव से प्रभावित लगभग 3,000 परिवारों के लिए राहत पैकेज जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि राज्य आपदा प्राधिकरण की तरफ से प्रत्येक परिवार को सामानों के परिवहन और उनके भवनों की तत्काल जरूरतों के लिए विशेष अनुदान के रूप में 50,000 रुपये दिए गए हैं।
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