उत्तर प्रदेश के Ayodhya Ram Mandir 2024 में श्रद्धालुओं के लिए खुलने की संभावना है। खुद गृह मंत्री अमित शाह इसके संबंध में बयान दे चुके हैं। इससे पहले इस साल की रामनवमी के अवसर पर कार्यक्रम कैसे कराए जाएंगे? इस सवाल पर राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने बताया है कि सुविधाजनक जगहों पर ही रामनवमी के कार्यक्रम होंगे। जानिए कहां होंगे कार्यक्रम
राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अनुसार, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण अंतिम चरण में है। ऐसे में इस साल रामनवमी के कार्यक्रम ऐसे स्थानों पर होंगे जहां श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकें।श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने फैसला किया है कि ‘राम नवमी’ उत्सव कार्यक्रम राम जन्मभूमि परिसर के साथ-साथ राम भक्तों के लिए आसानी से सुलभ स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे। अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि भवन निर्माण समिति की बैठक नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई। राम जन्मभूमि परिसर के विश्वामित्र आश्रम में बैठक आज रविवार को भी जारी रहेगी।
रामनवमी के दिन राम जन्मभूमि मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं और इस बार भी रामकोट की परिक्रमा की जाएगी और रामनवमी के दिन भगवान की पूजा की जाएगी। सुरक्षा कारणों से राम जन्मभूमि परिसर में रामनवमी समारोह में सभी को जाने की अनुमति नहीं है। यही वजह है कि इस बार रामनवमी का कार्यक्रम राम की पैड़ी भजन संध्या स्थल और राम कथा पार्क में आयोजित किया जाएगा।
इस बार रामनवमी एक ही स्थान पर मनाई जाएगी और लाखों श्रद्धालुओं के कार्यक्रमों में शामिल होने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है क्योंकि राम मंदिर की पहली मंजिल का निर्माण कार्य अक्टूबर 2023 तक पूरा करना निर्धारित है। ट्रस्ट का कहना है कि भगवान राम लला को उनके दिव्य भव्य मंदिर में विराजमान होने में अब केवल एक वर्ष का कार्य बचा है जिसके बाद अगले वर्ष राम जन्मभूमि मंदिर में रामनवमी पर्व मनाया जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा, “रामनवमी का आयोजन नौ दिनों तक चलता है और केवल भगवान की पूजा के साथ नहीं रुकता है। युवाओं और खिलाड़ियों सहित समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोग उत्सव में भाग लेते हैं।” मशहूर मूर्तिकार प्रमोद कामले प्रतिमाएं तराशेंगे। राम जन्मभूमि मंदिर के परिक्रमा पथ पर किस तरह की प्रतिमा स्थापित की जाएगी? इस पर उन्होंने कहा, “मैं अभी मॉडल लेकर आया हूं, आगे यह तय किया जाएगा कि मूर्ति कैसे बनेगी और कितनी मूर्तियां बनेंगी। यह प्रतिमा राम जन्मभूमि मंदिर के परिक्रमा पथ पर स्थापित की जाएगी। इस पर अंतिम फैसला होना बाकी है।
शिल्पकार प्रमोद कामले ने कहा, “मैं मॉडल लाया हूं। उसे कैसे सुधारना या बदलना है इस पर फैसला बाकी है। चित्र बनाने के तरीके की एक सूची बनाई गई है। ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र ने बताया कि नृपेंद्र मिश्र ने शनिवार को राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे कार्यों का भौतिक निरीक्षण किया। साथ ही ट्रस्ट के इंजीनियरों से जानकारी ली। नृपेंद्र मिश्रा उस स्क्रिप्ट को देखने के लिए सेवक पुरम भी गए, जो प्लिंथ में स्थापित होने जा रही है।”