SC Ambani Security: भारत और विदेश में भी जेड प्लस सुरक्षा देगी भारत सरकार, खर्च कौन उठाएगा? इसका जवाब सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी को सुप्रीम कोर्ट ने उच्चतम Z+ सुरक्षा कवर प्रदान करने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने 27 फरवरी को रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को पूरे भारत और विदेशों में उच्चतम जेड + सुरक्षा कवर प्रदान करने का निर्देश दिया।
जेड प्लस सिक्योरिटी का खर्च कौन वहन करेगा? इस सवाल पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि भारत या विदेश में प्रतिवादी मुकेश अंबानी को उच्चतम स्तर की Z+ सुरक्षा कवर प्रदान करने का पूरा खर्च और लागत उनके द्वारा वहन की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस कृष्ण मुरारी और एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने सोमवार को अंबानी की सिक्योरिटी पर निर्देश दिए। अदालत ने कहा कि प्रतिवादी मुकेश अंबानी और उनके परिवार को प्रदान किया गया सुरक्षा कवर विभिन्न स्थानों और विभिन्न उच्च न्यायालयों में विवाद का विषय रहा है। तमाम पक्षों पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए कि प्रतिवादी मुकेश अंबानी और उनके परिवार को पूरे भारत में और विदेश यात्रा पर उच्चतम Z+ सुरक्षा कवर प्रदान किया जाए और इसे महाराष्ट्र राज्य और गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा सुनिश्चित किया जाए।
अदालत ने कहा कि भारत या विदेश में मुकेश अंबानी को उच्चतम स्तर की Z+ सुरक्षा कवर प्रदान करने का पूरा खर्च और लागत खुद अंबानी वहन करेंगे। कोर्ट ने कहा, यदि कोई सुरक्षा खतरा है, तो सुरक्षा कवर अंबानी के अपने खर्च पर, किसी विशेष क्षेत्र या ठहरने के स्थान तक ही सीमित नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा, यदि जेड प्लस सिक्योरिटी किसी विशेष स्थान या क्षेत्र तक सीमित रहे तो मुकेश अंबानी और उनके परिवार की देश के भीतर और देश के बाहर भी व्यावसायिक गतिविधियों में, सुरक्षा कवर का मूल उद्देश्य विफल हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में अंबानी की पैरवी करने पहुंचे पूर्व सॉलिसीटर जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि मुंबई पुलिस और गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार द्वारा लगातार खतरे की धारणा के मद्देनजर उच्चतम स्तर की जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गई थी। उन्होंने कहा, देश को वित्तीय रूप से अस्थिर करने के लिए अंबानी को टारगेट किए जाने का जोखिम निरंतर बना हुआ है। ऐसा जोखिम न केवल पूरे भारत में मौजूद है, बल्कि अंबानी की विदेश यात्रा के दौरान भी खतरा बना रहता है।
देश-दुनिया में अंबानी की सोशल वेलफेयर एक्टिविटी देश के दूरस्थ कोने में भी होती हैं। ऐसे में अंबानी फैमिली पर खतरे की धारणा को देखते हुए, उनकी सुरक्षा के लिए उच्चतम स्तर का सिक्योरिटी कवर जरूरी है।
अदालत का आदेश भारत संघ बनाम बिकास साहा से संबंधित एक मामले में आया। याचिकाकर्ता ने अगरतला में त्रिपुरा के उच्च न्यायालय को चुनौती दी। इसमें मुकेश अंबानी के संबंध में खतरे की धारणा के बारे में भारत सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत ने रिट याचिका का निष्पादन करते हुए त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
आवेदक के वकील ने तर्क दिया कि 22 जुलाई, 2022 के आदेश पर स्पष्टीकरण की जरूरत है क्योंकि उक्त आदेश प्रतिवादी मुकेश अंबानी को विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य के भीतर सुरक्षा कवर प्रदान करने तक सीमित था।