पंजाब के जालंधर में लोकसभा का उपचुनाव ने रोचक मोड ले लिया है, जैसे- जैसे चुनाव कि दिन नजदिक आ रहा है इस मोड में नए नए सितारे जुड़ते जा रहे है. वैसे तो पंजाब की राजनीति आम आदमी पार्टी , कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा के बीच है धूम रही है लेकिन उम्मीदवारों के देख लगता है कि मुकाबला अकाली दल और कांग्रेस के बीच है. क्योंकि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील रिंकू कांग्रेस से AAP में शामिल हो गए है. वही, भाजपा उम्मीदवार इंदर इकबाल अटवाल अकाली दल से BJP में शामिल हो गए है
हालांकि कांग्रेस ने जालंधर सीट से निवर्तमान सांसद संतोख सिंह चौधरी की पत्नी करमजीत कौर को टिकट दी है लेकिन AAP और BJP ने यहां अपने किसी नेता पर भरोसा नहीं दिखाया है. दूसरी तरफ अकाली दल ने बंगा से विधायक डॉ. सुखविंदर सुक्खी को टिकट दी है. रिंकू के अचानक AAP में जाने से यहां कांग्रेस के पास इस इलाके में कोई दिग्गज चेहरा नहीं है. इसके पीछे AAP की कांग्रेस को पटखनी देने का सियासी चाल है दरसल, आप ने शहरी क्षेत्र में सुशील रिंकू और शीतल अंगुराल के कैडर को एकजुट करने की कोशिश की है. दोनों का वोट बैंक अगर आप के खाते में आया तो जालंधर वेस्ट विधानसभाा क्षेत्र से ही आप को फायदा मिल सकता है.
अगर बात भाजपा की करे तो जालंधर सीट के शहरी विधानसभा क्षेत्रों में तो भाजपा का वोट बैंक है लेकिन ग्रामीण व कस्बों में कम है. इसलिए इस बार अटवाल को उतारा गया है, इंदर इकबाल अटवाल के पिता चरणजीत अटवाल यहां से चुनाव लड़ चुके हैं. 2019 में यहां से चौधरी संतोख सिंह जीते जरूर लेकिन दूसरे नंबर पर चरणजीत अटवाल उनसे ज्यादा पीछे नहीं रहे. हालांकि उस वक्त अटवाल अकाली दल के उम्मीदवार थे.