मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने सीमा शुल्क विभाग के दो पूर्व अधिकारियों को 2018 में कैमरा उपकरण के लिए निर्यात प्रमाणपत्र जारी करने के एवज में एक फोटोग्राफर से रिश्वत लेने का दोषी ठहराते हुए तीन-तीन साल कारावास की सजा सुनाई है।
सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश एस.एच. ग्वालानी ने आरोपी वासुदेव निनावे और जगदीश मोंडकर को पांच सितंबर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया था।
विस्तृत आदेश बृहस्पतिवार को उपलब्ध हुआ।
घटना के समय निनावे और मोंडकर यहां छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-2 पर क्रमशः सीमा शुल्क अधीक्षक और हवलदार के रूप में तैनात थे।
फोटोग्राफर ओंकार राउत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संपर्क किया और आरोप लगाया कि दोनों अधिकारियों ने उनसे और उनके दोस्त पुनीत देसाई से कैमरा उपकरण के लिए निर्यात प्रमाणपत्र जारी करने के वास्ते 5,000 रुपये की मांग की, जो वे अपने साथ कतर ले जा रहे थे।
अदालत ने माना कि ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि आरोपियों ने लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया और अभियोजन पक्ष अपना मामला साबित करने में सफल रहा।