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  • April 8, 2025
  • Last Update January 8, 2025 1:51 pm
  • Noida

Basant Panchami, माँ सरस्वती की पूजा का शुभ मुहर्त, जानें पूजन विधि

Basant Panchami, माँ सरस्वती की पूजा का शुभ मुहर्त, जानें पूजन विधि

Basant Panchami, इस साल बसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दिन माँ सरस्वती की पूजा की जाती है माता सरस्वती विद्या की देवी है हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है.

शुभ मुहर्त

बसंत पंचमी के तिथि का आरंभ 25 जनवरी को दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट पर हो रहा है और इसका समापन 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 28 पर होगा और पूजा का मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से लेकर दिन में 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.

क्या करना होगा शुभ

ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के पर्व पर मां सरस्वती का अवतरण हुआ है. बसंत पंचमी के दिन पिले रंग का विशेष महत्व है, पीला रंग समृद्धि का प्रतीक माना गया है इस पर्व को कई स्थानों पर ऋषि पंचमी के नाम से भी जाना जाता है.

इस दिन से किसी नए कार्य की शुरुआत करना काफी शुभ माना जाता है. वहीं शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन कुछ खास चीजें खरीदकर घर लाना काफी लाभदायक होती है.

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पीले रंग की क्रिस्टल बॉल को फेंगशुई में एनर्जी का प्रतीक माना गया है.ऐसे में पीली क्रिस्टल बॉल को बसंत पंचमी के दिन घर के गेट पर लगाने से बच्चों की शिक्षा में परेशानी नहीं आती है.

संगीत क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति को छोटा वाद्य यंत्र आदि घर लाकर मां सरस्वती को अर्पित करना चाहिए. मान्यता है ऐसा करने से मां सरस्वती की कृपा बरसती है और व्यक्ति रचनात्मकता बढ़ती है.

मोरपंखी के पौधे को विद्या का पौधा भी कहा जाता है. घर में इसे लगाने से मां सरस्वती संग लक्ष्मी जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

मां सरस्वती की नई तस्वीर जिसमें उन्होंने पीले रंग का वस्त्र धारण किया हो लाकर घर के ईशान कोण( उत्तर और पूर्व की दिशा के बीच की दिशा) में लगाए. इससे बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

कैसे करें पूजा

बसंत पंचमी के दिन जल्दी स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें. इस दिन माता सरस्वती के साथ काम देव व देवी रति की पूजा की जाती है इससे वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं. विधि विधान के साथ मां सरस्वती की आराधना करें.

माता सरस्वती की पूजा में अक्षत, रोली, मौली, केसर, हल्दी, पीले या सफेद रंग का फूल, पीली मिठाई आदि चीजों का प्रयोग करें. इसके बाद मां सरस्वती की वंदना करें और पूजा करे. विशेष रूप से पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को रखें. देवी को गुलाब अर्पित करना चाहिए. गुलाल से एक-दूसरे को टीका लगाना चाहिए.

शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह के लिए तिलकोत्सव हुआ था. ऐसे में विवाह से जु़ड़ी सामग्री, शादी का जोड़ा खरीदना इस दिन शुभ माना जाता है. मान्यताओ के अनुसार ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है. बसंत पंचमी को श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है.

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