Chaitra Navratri: नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान,शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। एक वर्ष में कुल चार बार नवरात्रि का पर्व आता है परन्तु इनमें से माघ और आषाढ़ नवरात्रि गुप्त नवरात्रि होती है।
इनके अलावा चैत्र तथा आश्विन नवरात्रि वह दो नवरात्रि हैं, जिनका हिंदू धर्म में सबसे अधिक महत्व है। चैत्र नवरात्रि के वसंत ऋतु में मनाये जाने के कारण इसे ‘वासंती नवरात्र’ भी कहते हैं। इसके साथ ही इस पर्व का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी होती है।
एक प्रमुख मान्यता के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ही माँ दुर्गा का जन्म हुआ था और उनके कहने पर ही भगवान ब्रम्हा ने संसार की रचना की थी। यहीं कारण है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन हिंदू नववर्ष भी मनाया जाता है।
इसके अलावा पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान श्रीराम का जन्म भी चैत्र नवरात्रि में ही हुआ था। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हिमांचल प्रदेश, हरियाणा जैसे भारत के उत्तरी राज्यों में यह पर्व काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नवरात्रि का आरंभ होता है। इस बार नवरात्रि का त्योहार 22 मार्च, बुधवार से शुरू होगा और इसका समापन 30 मार्च को होगा। बता दें कि इस वर्ष चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन पर अत्यंत शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है, जिसमें मां दुर्गा अपने भक्तों के घर पधारेंगी।
इस वर्ष मां का आगमन और गमन दोनों ही शुभ संकेत दे रहा है। इस बार देवी का आगमन 22 मार्च को हो रहा है देवी पुराण के अनुसार मां दुर्गा का आगमन अगर बुधवार को हो तो, नौका का पर सवार होकर आती है नौका पर सवारी का तात्पर्य है सर्व कार्य की सिद्धि अर्थात मां की आराधना करने वालों के सभी कार्य सिद्ध होंगे।