Covid 19 Vaccine Side Effect, पूरा विश्व अभी कोरोना वायरस से उबर नहीं पाया है। इसी बीच वैक्सीन को लेकर कई सारे सवाल लोगों के मन में आ रहे हैं। इसी में से एक है एमआरएनए mRNA वैक्सीन। इसके बारे में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इसे लेने वाले हर 800वें व्यक्ति कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो रहा है। और यह काफी ज्यादा और खतरनाक है।
इसका दावा अमेरिकी अध्ययन में किया गया है और रिपोर्ट के बाद वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन पर तुरंत रोक लगाने की मांग करते हैं। आपको बता दें कि अमेरिका के जाने-माने फिजीशियन साइंटिस्ट और अध्ययन जोसेफ फ्राइमैन ने सबसे बड़ी वैक्सीन कंपनी के फायदे और मॉडल की एमआरएनए mRNA वैक्सीन के प्रभावों का विश्लेषण किया है।
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जिसमें यह दावा किया गया है कि इन दोनों वैक्सीन में इस्तेमाल फार्मूले का इंसान के ऊपर बेहद गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। उससे जुड़ा हुआ एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि हमने अध्ययन में पाया कि वैक्सीन ने व्यक्ति पर गंभीर प्रभाव डाला है। या प्रभाव 800 में से एक व्यक्ति पर देखा गया है।
इसको पब्लिश करते समय उनके कोआथर को यह समझ में नहीं आ रहा था कि क्या एक अध्ययन के आधार पर इस वैक्सीन पर रोक लगाने की मांग सही होगा। इस अध्ययन के आधार पर और नतीजा निकला है कि व्यक्ति को तुरंत मार्केट से हटा लिया जाना चाहिए।
उन्होंने अमेरिका फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट का भी हवाला दिया है। इसके अलावा दोनों रिपोर्ट में इस वैक्सीन के काफी गंभीर और खतरनाक साइड इफेक्ट होने की बात कही गई है।
हालांकि एफडीए ने इसके गंभीर परिणामों के बारे में लोगों को नहीं बताया था। फ्राइमैन और उनकी टीम ने दावा किया है कि उन्हें तमाम रिपोर्ट पोस्टमार्टम का अध्ययन किया और जो शुरुआती समय में मिले।
उसी के अनुसार अचानक कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) की बात सामने आई। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी तक इस तरह की वैक्सीन से मौत की दर को लेकर रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन दुनिया में जिन देशों में एमआरएनए mRNA वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, वहां लोगों की मौत हो रही है।
फिर भी यह सीधे तौर पर नहीं कहा जा सकता कि ये मौतें कोविड-19 की वजह से हो रहे हैं। वह अभी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि जो अतिरिक्त मौतें हो रही है क्या उसके पीछे कोरोना वैक्सीन है। विश्व में कोरोना वायरस के बीच ही एमआरएनए तकनीक से वैक्सीन बनाकर का ट्रायल किया गया। अमेरिका में पहले जिन दो वैक्सीन को मंजूरी मिली थी वह एमआरएनए टेक्निक वाली वैक्सीन थी।
दोनों कंपनियां फाइजर बायोटेक और मॉडर्ना ने यह वैक्सीन बनाई थी। सभी वैक्सिंग में एक माइक्रो अमाउंट में नुकसान ना पहुंचाने वाले वायरस के बैक्टीरिया होते हैं। हालांकि अभी भी सीधे तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि ये मौतें कोविड वैक्सीन की वजह से ही हो रही हैं। शोधकर्ता अभी यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि जो ये अतिरिक्त मौतें हो रही हैं उसके पीछे कोरोना वैक्सीन है।