Directorate of Tourism का बनारस के समेकित विकास पर जोर है। पर्यटन निदेशक ने कई बार निर्देश दिए जाने के बावजूद प्रस्ताव उपलब्ध न कराए जाने और अधिकारियों की ‘सुस्ती’ पर नाराजगी जताई है। इस आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी के समेकित पर्यटन विकास पर फोकस के साथ नए पर्यटन विकास योजना का प्रस्ताव मांगा गया है। प्रोपोजल उप-निदेशक (पर्यटन) को भेजना है।
उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पर्यटन निदेशक प्रखर मिश्रा ने पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की प्रासाद स्कीम के अन्तर्गत वाराणसी के पर्यटन विकास हेतु नवीन पर्यटन विकास योजना तत्काल उपलब्ध कराए जाने हेतु उप निदेशक (पर्यटन) को निर्देशित किया है। प्रखर मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री द्वारा पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की प्रासाद स्कीम के अन्तर्गत वाराणसी के समेकित पर्यटन विकास हेतु नवीन पर्यटन विकास योजना हेतु प्रस्ताव तैयार कराकर स्वीकृति के लिए भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय को भेजा जाना है।
उन्होंने बताया कि वाराणसी के उप निदेशक (पर्यटन) को इस संबंध में अनेकों बार निर्देशित किये जाने के बावजूद अभी तक प्रस्ताव नहीं मिला है। कार्यवाही प्रतीक्षित रहने और अधिकारियों की सुस्ती से नाराज पर्यटन निदेशक ने प्रस्ताव तैयार करने के बारे में यह भी निर्देशित किया है कि कमिश्नर/जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्टेक होल्डर कन्सलटेशन मीटिंग करें। जनप्रतिनिधिगणों को भी आमंत्रित किया जाए।
कन्सलटेशन मीटिंग में कौन उपस्थित रहा, किन बातों पर चर्चाएं हुईं आदि जिलाधिकारी से अनुमोदित कराकर प्रस्ताव के साथ उपलब्ध कराया जाय। प्रस्ताव तैयार करते समय ही प्रस्तावित कार्यों हेतु निःशुल्क और निर्विवादित सरकारी भूमि की उपलब्धता एवं निर्माणोपरान्त सृजित सुविधाओं के रख-रखाव संचालन आदि पर कितने पैसे खर्च होंगे? इस बारे में भी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। प्रस्ताव के साथ सम्बन्धित विभागों से लिखित सहमति भी भेजनी होगी।
उन्होंने बताया कि प्रस्ताव मिलने के बाद पर्यटन मंत्रालय के पी०एम०सी० साइट विजिट कर मंत्रालय के मिशन डायरेक्ट्रेट को भेजेंगे। इसके बाद उत्तर प्रदेश का पर्यटन विभाग मिशन डायरेक्ट्रेट के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतीकरण देगा। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि अयोध्या में प्रस्तावित किये जाने वाले नवीन कार्यों की रिकमैटिक डिजाइन कार्य का विवरण, अनुमानित लागत, पर्यटन महत्व, आने वाले पर्यटकों की अनुमानित संख्या, टूरिस्ट प्लेस का संचालन और रख-रखाव जैसी जानकारी के साथ विस्तृत प्रस्ताव/प्रस्तुतीकरण तैयार कराकर तत्काल उपलब्ध कराया जाए।