Eknath Shinde Shiv Sena SC: क्या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास राजनीतिक बहुमत है? सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना के मुद्दे पर बहस के दौरान ये सवाल पूछा गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, शिंदे कैंप कानूनी बहुमत नहीं, राजनीतिक बहुमत साबित करे।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मंगलवार को एकनाथ शिंदे खेमे से यह दिखाने के लिए कहा कि उनके पास शिवसेना पार्टी के दावे में राजनीतिक बहुमत है न कि विधायी बहुमत। सीजेआई चंद्रचूड़ के अलावा पीठ में जस्टिस एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा शामिल हैं। इस बेंच में महाराष्ट्र राजनीतिक संकट और शिवसेना उद्धव ठाकरे की या एकनाथ शिंदे की? इस सवाल से संबंधित मुद्दे की सुनवाई कर रही थी।
देश की सबसे बड़ी अदालत के सवाल का जवाब देते हुए शिंदे खेमे ने कहा कि एक विधायक दल राजनीतिक दल से अभिन्न और संगठित रूप से जुड़ा होता है। शिंदे गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एनके कौल ने पांच जजों की संविधान पीठ को बताया कि प्रतिद्वंद्वी नेताओं का अब मंत्रालय पर भरोसा नहीं रह गया है।
अदालत ने विभिन्न मुद्दों और विभिन्न निर्णयों के कानूनी पहलुओं पर शिंदे खेमे से कई सवाल भी पूछे और यह जानने की कोशिश की कि दल-बदल और फ्लोर टेस्ट को कैसे अलग किया जाए।
CJI चंद्रचूड़ ने यह भी टिप्पणी की कि यदि फ्लोर टेस्ट का पूर्ववर्ती कारण दसवीं अनुसूची के उल्लंघन पर आधारित है, तो उस स्तर पर फ्लोर टेस्ट आयोजित करना दसवीं अनुसूची के पूरे आधार और उद्देश्य को विफल कर देगा। अदालत ने यह भी जानना चाहा कि क्या वे एक दलबदल को वैध बना रहे हैं जो 10वीं अनुसूची के तहत अन्यथा स्वीकार्य नहीं है।
कोर्ट को दिए जवाब में एनके कौल ने कहा कि वह बुधवार को इस मुद्दे को उठाएंगे, आगे उन्होंने कहा कि मामला 10वीं अनुसूची के तहत विभाजन का नहीं है। वे एक पार्टी के भीतर एक प्रतिद्वंद्वी गुट के बारे में बात कर रहे हैं जो असंतुष्ट है और एक पार्टी के भीतर लोकतंत्र का सार है। उनका दावा है कि शिंदे की अगुवाई वाला खेमा ही शिवसेना है।