Logo
  • March 18, 2025
  • Last Update January 8, 2025 1:51 pm
  • Noida

FIR against wrestlers, याचिका पर कोर्ट ने पुलिस से ATR मांगा

FIR against wrestlers, याचिका पर कोर्ट ने पुलिस से ATR मांगा

FIR against wrestlers, दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को एक सामाजिक कार्यकर्ता और अटल जन शक्ति पार्टी के प्रमुख की शिकायत पर पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) मांगी, जिसमें जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है।

याचिका में कहा गया है कि इन पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के ‘झूठे आरोप’ लगाए हैं। पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनामिका ने बम बम महाराज नौहटिया की ओर से दायर एक आवेदन पर निर्देश पारित किया।

अदालत ने पुलिस को 9 जून तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है, जो सुनवाई की अगली तारीख भी है। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘अभद्र भाषा’ बोलने में शामिल थे। नौहटिया ने आरोपी व्यक्तियों द्वारा बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए गए आरोपों की विश्वसनीयता को चुनौती दी है।

याचिका में तर्क दिया गया है कि आरोपों में सच्चाई नहीं है और ये किसी वास्तविक चिंता से प्रेरित नहीं हैं, बल्कि संभावित प्रभाव या व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित हैं। याचिका में कहा गया है : आरोपी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पहलवान हैं, जिनके पास शारीरिक शक्ति और वित्तीय स्थिरता है। यह विश्वास करना मुश्किल है कि 66 वर्षीय व्यक्ति सिंह द्वारा उन्हें परेशान किया जा सकता है।

पीडब्ल्यूडी मंत्री ने अभियंताओं की लगाई जमकर क्लास दिये कड़े निर्देश

याचिका में कहा गया है कि इन पहलवानों ने पुलिस स्टेशन, महिला हेल्पलाइन, राज्य महिला आयोग, महिला कल्याण मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ जैसे प्रासंगिक अधिकारियों से संपर्क नहीं किया, जिनके कार्यालय दिल्ली और अन्य राज्यों में हैं। इसके अलावा, याचिका में तर्क दिया गया है कि दिल्ली में जंतर-मंतर पर पहलवानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन ने पुलिस और अदालत प्रणाली पर अपने वांछित परिणाम प्राप्त करने के प्रयास में अनावश्यक दबाव डालने का काम किया।

याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय समाचार चैनलों पर प्रसारित प्रसारण के अनुसार पहलवानों द्वारा जंतर मंतर पर आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान एक अत्यधिक भड़काऊ नारा खुले तौर पर लगाया गया था। याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों के अनुसार नफरत फैलाने वाला भाषण न केवल एक कानूनी अपराध है, बल्कि एक गंभीर अपराध भी है।

इसके अलावा, याचिका में कहा गया है कि झूठे आरोप और विरोध स्थल पर आरोपी पहलवानों द्वारा की गई गतिविधियों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के चरित्र को गंभीर रूप से कलंकित किया है।

editor

Related Articles