Ganga Pollution आज भी बेहद जटिल समस्या बनी हुई है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने घरेलू और अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्ट जल को गंगा में छोड़े जाने के संबंध में वाराणसी नगर निगम के आयुक्त और चंदौली के जिला पंचायती राज अधिकारी को नोटिस जारी किया है।
एनजीटी वाराणसी में सामने घाट, सनबीम स्कूल, रविदास पार्क, सराय नंदन और तिगरा मोड़ सहित कई स्थानों पर गंगा में अपशिष्ट जल छोड़े जाने के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि अधिकरण ने मई 2022 में इस मामले को देखने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था।
मामले की सुनवाई कर रही पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी जिसमें उसने रामनगर औद्योगिक क्षेत्र से उत्पन्न औद्योगिक अपशिष्टों को बहाने के लिए एक अलग नाले के निर्माण की सिफारिश की थी।
रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि चंदौली में जिला पंचायती राज अधिकारी ‘नगरपालिका के सीवेज के शोधन के लिए प्रबंधन प्रणाली विकसित कर सकते हैं।’ एनजीटी ने सोमवार को पारित एक आदेश में कहा, ‘वाराणसी के नगर निगम आयुक्त और जिला पंचायती राज अधिकारी, चंदौली को समिति की सिफारिशों के अनुसरण में कदम उठाने के वास्ते जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाए।’