19 जनवरी को चंदन को पता चला कि वो हाईकोर्ट से बरी हो गया है। उसने महाराष्ट्र के नागपुर में मौजूद बुजुर्ग पिता को फोन करके ये बात बताई और दो जमानती उपलब्ध कराने के लिए कहा। सरिता बिहार से अपने भाई को जमानत देने के लिए गाजियाबाद आई थी। इससे पहले वो जेल में जाकर अपने भाई से मिली और जमानती प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली।
सरिता गाजियाबाद में वेव सिटी थाना क्षेत्र के अनंत होटल में कमरा लेकर रुकी हुई थी। होटल कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार शाम से कमरे का दरवाजा खुला नहीं था। नॉक करने के बावजूद जब कमरे से कोई आवाज नहीं आई तो कर्मचारियों को शक हुआ। उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
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पुलिस मौके पर आई और कटर से दरवाजा काटकर अंदर घुसी। देखा तो सरिता की लाश पंखे के सहारे फांसी पर लटकी हुई थी। उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया।
एसीपी रवि प्रकाश सिंह का कहना है कि खुदकुशी की वजह स्पष्ट नहीं है। कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। समझ नहीं आ रहा है कि जब युवती के भाई को जमानत मिल चुकी थी तो उसे खुदकुशी करने की नौबत क्यों आई। पुलिस फिलहाल सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है।