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  • November 22, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

Indian Army OTC Lucknow में कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट की पर्यावरणीय चुनौतियों पर मंथन, सैन्य अधिकारियों के साथ CME

Indian Army OTC Lucknow में कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट की पर्यावरणीय चुनौतियों पर मंथन, सैन्य अधिकारियों के साथ CME

Indian Army OTC Lucknow में ऑफिसर्स ट्रेनिंग कॉलेज (OTC) की तरफ से नौ और 10 नवंबर को लखनऊ छावनी में आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और कॉलेज के मेजर लैशराम ज्योतिन सिंह अशोक चक्र सभागार में “कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट की पर्यावरणीय चुनौतियां” विषय पर एक कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (CME) आयोजित किया गया। बता दें कि ओटीसी सशस्त्र बलों की एक अनूठी एक ‘ए’ श्रेणी संस्था है जो सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के चिकित्सा अधिकारियों, दंत चिकित्सा अधिकारियों, गैर-तकनीकी अधिकारियों और नर्सिंग अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करती है।

दो दिवसीय CME के दौरान चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय मध्य कमान व कार्यवाहक कमांडेंट, आर्मी मेडिकल कोर सेंटर कॉलेज और प्रभारी सेना मेडिकल कोर रिकॉर्ड्स मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह में स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दो सौ से अधिक प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया जिसमें पूरे भारत से थल सेना, नौसेना और वायु सेना के डॉक्टर, नर्स और गैर-तकनीकी अधिकारी शामिल थे। इस अवसर पर एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया।

Indian Army OTC Lucknow

मेजर जनरल जेपी प्रसाद, कमांडेंट व चीफ इंस्ट्रक्टर, ऑफिसर्स ट्रेनिंग कॉलेज,ने कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट की पर्यावरणीय चुनौतियों और सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं के लिए इसके निहितार्थों का पर प्रकाश डाला। उन्होंने लगातार विकसित होने वाली पर्यावरणीय चुनौतियों के साथ कॉम्बैट मेडिकल केयर डायनेमिक्स की चुनौतियों और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के लिए आगे के रास्ते पर विचार-विमर्श करने की आवश्यकता पर बल दिया।

लेफ्टिनेंट जनरल विवेक कश्यप, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय मध्य कमान ने कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट की पर्यावरणीय चुनौतियों की गतिशीलता के साथ तालमेल रखने और इसके साथ आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने युद्ध क्षेत्र में चिकित्सा पेशेवरों की भूमिका के साथ तालमेल रखते हुए सैनिकों के जीवन को बचाने के लिए कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट के क्षेत्र में प्रगति, जो सशस्त्र बलों की चिकित्सा सेवाओं को अद्वितीय बनाती है, पर बल दिया।

Indian Army OTC Lucknow

मेजर जनरल अश्विन गलागली, डिप्टी कमांडेंट और चीफ इंस्ट्रक्टर, आर्मी मेडिकल कोर सेंटर एंड कॉलेज ने मुख्य भाषण दिया, जिन्होंने विविध पर्यावरणीय चुनौतियों और सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं के लिए इसके निहितार्थ के बीच कॉम्बैट मेडिकल केयर के विकास पर चर्चा की। उन्होंने सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं की व्यावसायिक अनिवार्यताओं पर विशेष रूप से विभिन्न थिएटरों, इलाकों और जलवायु परिस्थितियों में परिचालन परिदृश्यों के मनोरम स्पेक्ट्रम में लड़ाकू चिकित्सा सहायता के क्षेत्र में जोर दिया।

CME में दो वैज्ञानिक सत्र शामिल थे, जिनकी अध्यक्षता सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं के वरिष्ठ और अनुभवी डॉक्टरों ने वर्तमान और भविष्य के महत्व के विविध विषयों पर चर्चा के साथ की। सत्रों में कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट चैलेंजेस : हाई एल्टीट्यूड एरिया और काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशंस, कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट के लिए इंटीग्रेशन और जॉइंटमैनशिप इंप्लीकेशंस के अनुभव शामिल थे और इसके बाद ऑफिसर्स ट्रेनिंग कॉलेज, आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और कॉलेज में कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट के लिए प्रशिक्षण पर प्रदर्शन हुए।

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