Inhumane Police का चेहरा सामने आया है। अधजली लाश को दो फीट से कम गहराई में दफनाया गया है। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस अपनी ड्यूटी को लेकर कितनी जागरूक है इसकी गवाही उस घटना से मिलती है जब मौत के बाद शव को भी पर्याप्त सम्मान नहीं मिला।
लोहरापुर बरुणा नदी में उतराते शव को देख कर बड़ागाव थाने की पुलिस ने कन्नी काट ली। वहीं लोहता थाने की पुलिस लावारिस शव को कब्जे में लिया, लेकिन स्त्री -पुरुष की पहचान नहीं कराई गई। पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया। शव को नदी किनारे महज दो फिट से भी कम गड्ढे में दफना दिया गया। पुलिस ने शव को अधजला और कफन में लिपटा पाया तो लोगों ने इसे संदिग्ध मौत माना।
मामला लोहता थाना क्षेत्र के लोहरापुर रिंग रोड ब्रिज वरुणा नदी के समीप का है। नदी के बीचों-बीच कफन में लिपटा अज्ञात शव उतराता मिला। मौके पर पहुंची लोहता पुलिस ने किसी तरह शव को पानी से निकलवा कर शिनाख्त कराए बगैर ही वहीं नदी किनारे महज दो फिट से भी कम गहराई में गड्ढा खोदवा कर शव को उसी गड्ढे में दफना दिया।
लोहता पुलिस के इस कृत्य को देख रहे उपस्थित ग्रामीणों ने दबी जुबान में कहा कि लोहता पुलिस जब शव को दफनाने के लिये गड्ढा खोदवा ही रही थी तो कम से कम चार-पांच फीट गहरा गड्ढा खोदवाना चाहिये था ताकि शव को जंगली जनवर और हिंसक पशु-पक्षियों से शव को नोच कर खाने से बचाया जा सकता है।
लोहता थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश त्रिपाठी ने इस मामले में कहा, नदी में उतराया शव अधजला था और कफन में लिपटा था। इसलिए स्त्री-पुरुष की पहचान नहीं की जा सकी।