Kashi काशी धर्म एवं आध्यत्म की नगरी के साथ ही गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है। ऐसी ही मिसाल नूर फातिमा पेश करती हैं जो पेशे से अधिवक्ता हैं। नूर फातिमा का मानना है कि वह भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर कहीं भी जाती हैं तो उनका काम शुभ हो जाता है।
भगवान भोलेनाथ की भक्त नूर फातिमा ने इसी भक्तिभाव में आज से 18 साल पहले 2004 में बाबा विश्वनाथ का मंदिर बनवाया। इस मंदिर में कॉलोनी के आसपास के तमाम लोग दर्शन पूजन करने आते हैं। मंदिर प्रांगण छोटा होने के कारण बड़ी संख्या में जुटने पर श्रद्धालुओं को भजन-कीर्तन करने में असहजता होती थी।
श्रद्धालुओं की असुविधा के कारण नूर फातिमा ने मंदिर के सामने बड़ा सा हॉल बनवाया है। मंत्री रविंद्र नाथ जायसवाल ने नूर फातिमा की पहल पर बने हॉल का उद्घाटन किया। नूर ने बताया कि इस हॉल का उद्देश्य कि भगवान नीलकंड के श्रद्धालुओं को पूजा-उपासना-आराधना की पर्याप्त जगह मुहैया करना है। नूर फातिमा को लोग काशी की गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल मानते हैं।