Kerala HC man Slap Doctor: केरल हाईकोर्ट ने डॉक्टर को थप्पड़ मारने वाले शख्स को जमानत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा, मरीज को छुए बिना डॉक्टर इलाज नहीं कर सकता। रिपोर्ट के मुताबिक मरीज की जांच के समय आरोपी ने डॉक्टर का कॉलर पकड़ लिया और यह आरोप लगाते हुए थप्पड़ मार दिया कि डॉक्टर ने उसकी पत्नी के शरीर को छुआ। अभियोजन पक्ष ने अग्रिम जमानत दिए जाने का कड़ा विरोध किया और तर्क दिया कि आरोपी का आपराधिक इतिहास रहा है और उसके खिलाफ विभिन्न अपराध दर्ज किए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को केरल के एक अस्पताल में अपनी पत्नी की जांच कराने पहुंचे शख्स ने कथित रूप से डॉक्टर से दुर्व्यवहार किया। डॉक्टर के साथ मारपीट के आरोप में इस व्यक्ति को हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान कहा गया कि डॉक्टर अपने पेशे को कैसे आगे बढ़ाएगा, अगर कोई मरीज नैदानिक परीक्षा के दौरान डॉक्टर के छूने से परेशान होगा।
अदालत ने कहा, यदि कोई मरीज इलाज कराना चाहता है, और जांच के दौरान शरीर पर स्पर्श से व्यथित है, तो डॉक्टर के लिए क्लिनिकल टेस्ट के सहारे अपना चिकित्सा पेशा आगे बढ़ाना मुश्किल है। दिल की धड़कन का निरीक्षण और मूल्यांकन करने के लिए रोगी के सीने के बाएं हिस्से पर एक स्टेथोस्कोप लगाया गया।
कोर्ट ने आगे कहा कि आरोपों की सच्चाई का मूल्यांकन सबूतों और परिस्थितियों के आधार पर किया जाना चाहिए। साथ ही, डॉक्टरों द्वारा अपनी सीमा से अधिक दुर्व्यवहार करने के वास्तविक मामलों को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है।
अभियोजन पक्ष के मामले के अनुसार, 8 जनवरी को शाम 6 बजे के आसपास ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने अस्पताल के कैजुअल्टी सेक्शन में 27 साल की आरोपी की पत्नी की जांच की थी। इसी दौरान आरोपी ने डॉक्टर का कॉलर पकड़ लिया और यह आरोप लगाते हुए थप्पड़ मार दिया कि उसने अपनी पत्नी के शरीर को छुआ है।
मामले के रिकॉर्ड को देखने के बाद, अदालत ने कहा कि डॉक्टर ने आरोपी व्यक्ति की पत्नी की दो बहनों की मौजूदगी में खुले स्थान पर कैजुअल्टी में जांच की। आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज होने के बाद ही डॉक्टर के खिलाफ दुर्व्यवहार का मामला दर्ज किया गया था। इस शख्स पर 2017 में एक्ट्रेस के साथ मारपीट का भी आरोप लगा। इस मामले के मुख्य आरोपी की जमानत याचिका पर केरल हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा। अदालत ने अभियुक्तों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर कहा कि यह एक खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है। डॉक्टर अपनी शपथ के तहत मरीजों का इलाज करने के लिए बाध्य हैं, लेकिन उन्हें सुरक्षा और स्वास्थ्य का उचित रखरखाव नहीं मिलेगा। जनता बड़े पैमाने पर जनता खतरे में होगी।