Logo
  • September 8, 2024
  • Last Update August 15, 2024 9:49 am
  • Noida

Sleep Disorder से पीड़ितों के लिए KGMU ने शुरू किया स्लीप एपेना सेंटर

Sleep Disorder से पीड़ितों के लिए KGMU ने शुरू किया स्लीप एपेना सेंटर

Sleep Disorder KGMU, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने नींद की बीमारियों से पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए रेस्पिरेटरी क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट में एक व्यापक स्लीप एपनिया केंद्र शुरू किया है। यह केंद्र एक ही छत के नीचे नींद संबंधी सभी विकारों का समाधान प्रदान करेगा।

डेंटल फैकल्टी और रेस्पिरेटरी क्रिटिकल केयर विभाग के डॉक्टरों की एक टीम तैनात की गई है, जबकि विभाग में पांच पॉलीसोम्नोग्राफी सिस्टम भी लगाए गए हैं। मरीजों को राहत देने के के लिए केंद्र में नियोलॉजी, फिजियोलॉजी, डेंटल, ईएनटी और अन्य विभागों के विशेषज्ञ भी होंगे।

Politics Affecting Youth : विचारधारा की अफीम से बर्बाद हो रहे युवा, बहकावे में मत आइए
केजीएमयू के रेस्पिरेटरी क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रो. वेद प्रकाश ने कहा कि नींद के पैटर्न में कमी और नींद में कठिनाई तीन मेटाबोलिक स्थितियों को जन्म देती है- उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापा जिसके परिणामस्वरूप श्वसन और हृदय संबंधी समस्याएं होती हैं।

उन्होंने कहा, लगभग 30 प्रतिशत लोग किसी न किसी नींद विकार से पीड़ित हैं और ये गतिहीन जीवन शैली और सोने के समय में वृद्धि के कारण वयस्कों में तेजी से बढ़ रही है इसलिए, इस समस्या से निपटने के लिए हमने इस केंद्र की स्थापना की है, जहां न केवल रोगियों का इलाज किया जाएगा बल्कि शोध कार्य भी किया जाएगा।

Ganga Boat Accidents गंभीर समस्या, प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में अहम फैसला, उल्लंघन पर लाइसेंस कैंसिल होगा

उन्होंने कहा, पैटर्न का अध्ययन करने के बाद, यह तय किया जाएगा कि मरीजों को ओरल डिवाइस की जरूरत है या रेस्पिरेटरी मेडिकल इंटरवेंशन की। अगर किसी मरीज को ओरल डिवाइस की जरूरत है, तो डेंटल डॉक्टर उनका इलाज करेंगे अन्यथा रेस्पिरेटरी क्रिटिकल केयर मामले को संभाल लेंगे।

उन्होंने कहा, यदि ड्राइवर, मैकेनिक या भारी मशीनरी चलाने वालों को नींद की बीमारी है, तो ध्यान की कमी, चक्कर आना और सुस्ती के कारण दुर्घटनाओं की प्रबल संभावना है।

editor

Related Articles