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  • November 22, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

क्या Sonam Wangchuk से डर गई सरकार ? हाउस अरेस्ट और दबाव के आरोप लगाकर ‘रैंचो’ ने PM मोदी के बाद अब अमित शाह से मदद मांगी

क्या Sonam Wangchuk से डर गई सरकार ? हाउस अरेस्ट और दबाव के आरोप लगाकर ‘रैंचो’ ने PM मोदी के बाद अब अमित शाह से मदद मांगी

Sonam Wangchuk लद्दाख में पर्यावरण से छेड़छाड़ के खिलाफ पीएम मोदी से हस्तक्षेप का आह्वान कर चुके हैं। लगभग 15000 फीट की ऊंचाई और माइनस 40 डिग्री तापनाम में अनशन का ऐलान करने वाले सोनम वांगचुक ने पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाने और बॉन्ड साइन कराने के गंभीर आरोप लगाए हैं। मैगसेसे अवॉर्ड विनर सोनम ने देश के गृह मंत्री अमित शाह से तत्काल हस्तक्षेप और मदद की अपील की है। जानिए क्या है पूरा मामला

सोनम वांगचुक का आरोप है कि लद्दाख प्रशासन ने मुझसे मेरी गतिविधियों को रोकने के लिए बांड पर हस्ताक्षर करने को कहा। बता दें कि सोनम वांगचुक, लद्दाख में समाज सुधारक, शैक्षणिक बदलाव और पर्यावरण के रूप में लोकप्रिय हैं। बॉलीवुड फिल्म 3 इडियट्स उनकी लाइप से प्रेरित है। इसमें आमिर खान ने रणछोड़ दास उर्फ रैंचो का किरदार निभाया जिसे वांगचुक माना गया।

वागंचुक ने शनिवार को दावा किया कि उन्हें घर में नजरबंद कर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने “एक बॉन्ड पेपर पर हस्ताक्षर करने” को कहा। उनसे कहा गया कि वह एक महीने के लिए लेह में हाल की घटनाओं पर कोई बयान नहीं देंगे। किसी सार्वजनिक सभा में भाग नहीं लेंगे। ट्विटर हैंडल पर शेयर बॉन्ड की डिटेल के अनुसार सोनम वांगचुक वचन देते हैं कि लेह जिले में हाल की घटनाओं से संबंधित कोई टिप्पणी नहीं करेंगे या बयान जारी नहीं करेंगे या कोई सार्वजनिक भाषण नहीं देंगे या किसी सार्वजनिक सभा (ओं)/किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लेंगे।” पाबंदियों के कारण में बताया गया कि एक महीने (सिक) की अवधि में जिले या उसके किसी भी हिस्से में शांति और कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हो सकता है।

बॉन्ड में कहा गया है कि वांगचुक सरकार विरोधी नारेबाजी/गतिविधि को बढ़ावा नहीं देंगे। इससे जिस क्षेत्र में उन्हें अनशन की अनुमति दी गई है, वहां सार्वजनिक शांति भंग होने या शर्तें के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि लद्दाख के इनोवेटर सोनम वांगचुक जो खारदुंग ला के शीर्ष पर करीब 18,380 फीट की ऊंचाई पर पांच दिवसीय उपवास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें घर में नजरबंद रखा गया है क्योंकि प्रशासन उन्हें अपना संदेश फैलाने और लोगों तक पहुंचने से रोकने की कोशिश कर रहा है। वांगचुक ने लद्दाख के लोगों की मांगों पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए 26 जनवरी से पांच दिवसीय अनशन की घोषणा की थी। मांगों में लद्दाख की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी शामिल था। उन्होंने स्टडी के हवाले से कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में लद्दाख में ग्लेशियर के लगभग दो-तिहाई विलुप्त होने की कगार पर हैं।

Sonam Wangchuk
लद्दाख में माइनस 40 डिग्री तापमान में प्रोटेस्ट कर रहे एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक (फोटो सौजन्य- ANI)

उन्होंने सरकार से इस क्षेत्र को छठी अनुसूची में शामिल करने की भी मांग की है। ऐसा करने पर भारत के संविधान के तहत कुछ आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन को स्वायत्त संस्थाओं के रूप में अनुमति मिलती है। उन्होंने 27 जनवरी को ट्वीट किया, “प्रशासन ने मेरे प्रदर्शन के पहले दिन के बाद मेरे जीवन पर खतरे का हवाला देते हुए मेरे उपवास को प्रतिबंधित कर दिया है।”

वांगचुक द्वारा अपने यूट्यूब चैनल पर करीब 13 मिनट की वीडियो शेयर कर देश और दुनिया के लोगों से लद्दाख के “पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील” क्षेत्र की रक्षा में मदद करने की ‘तत्काल’ अपील की।

बता दें कि 1966 में जन्मे वांगचुक, एक मैकेनिकल इंजीनियर और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) के निदेशक, वर्ष 2018 में मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लद्दाख में इन्होंने Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh (SECMOL) की स्थापना की जिसका परिसर सौर ऊर्जा पर चलता है। खाना पकाने, रोशनी या हीटिंग के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग नहीं किया जाता। 1994 में, वांगचुक ने सरकारी स्कूल प्रणाली में सुधार लाने के लिए ऑपरेशन न्यू होप लॉन्च किया।

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