मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के अवसर पर जगन्नाथ मंदिर (Jagannath mandir) में विशेष तरह से भगवान के सामने पर्व को मनाया जाता है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा, इस मंदिर के मुख्य देव हैं। पुरी से संस्कत विद्यालय के प्रोफेसर गणेश प्रसाद मिश्र इस बारे में खबर हिंदी से बात की।
उन्होंने बताया कि मंदिर के मुख्य देव की मूर्तियां, एक रत्न मण्डित पाषाण चबूतरे पर गर्भ गृह में स्थापित हैं। मंगल आरती और अबाकाश परंपराएं होती हैं। इसके अंतर्गत भगवान की सुबह होने वाली दैनिक क्रियाएं संपन्न की जाती हैं।
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भगवान को गोपालाबल्लभ और सकल धूप परंपराओं के अंतर्गत मकर चूला बेश धारण करवाया जाता है। फिर भगवान को मकर चौरासी वेश परंपरा के अंतर्गत श्रृंगार किया जाता है।
जगन्नाथ बल्लभ मठ द्वारा भगवान को फूलों और तुलसी के पत्तों की माला अर्पित की जाती है। मकर चाउला यहां का विशेष प्रासद है जो यहां के हर घर में बनाया जाता है। इसके लिए ताजी फसल के चावल लिए जाते हैं।
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इसमें केला, नारियल, रसगोला आदि भी प्रासाद के लिए रखा जाता है और छेने से बने रसगुल्ले का भोग भी भगवान को लगाया जाता है।