Expensive Electricity Lucknow. एक तरफ कोल इंडिया लगातार कह रहा है कि कोयले की कोई कमी नहीं है, वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय सभी राज्यों के लिए छह प्रतिशत विदेशी कोयला खरीदने की बाध्यता का आदेश दे रहा है. विगत जनवरी माह में ही जारी किए जाने के बाद पूरे देश में निजी घरानों ने कॉकस (Caucus) बना लिया है.
लंबी लडाई के बाद जहां पावर एक्सचेंज पर बिकने वाली 20 रुपए प्रति यूनिट की बिजली को उपभोक्ता परिषद ने लंबी लड़ाई के बाद विगत वर्ष 12 रुपए प्रति यूनिट पर सीलिंग लगवाई, अब देश के बडे निजी घराने और कुछ राज्य लगातार देश में बिजली की डिमांड बढने के नाम पर कालाबाजरी में जुटे हैं. वर्तमान में पावर एक्सचेंज पर 12 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली बिक रही है, जबकि अभी गर्मी शुरू भी नहीं हुई है.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि जहां आगामी गर्मी में उत्तर प्रदेश में अधिकतम डिमांड 28000 मेगावाट तक जाने की उम्मीद है उसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य को दीप पोर्टल के माध्यम से अपने उपभोक्ताओं को सुचारु बिजली उपलब्ध कराने के लिए 11 रुपए प्रति यूनिट से लेकर 11.10 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली खरीदने के लिए विवश होना पड रहा है.
उत्तर प्रदेश जैसे राज्य ने जब अप्रैल मई-जून जुलाई-अगस्त सितंबर 2023 के लिए अलग-अलग माह में जब दीप पोर्टल के माध्यम से बिडिंग रुट से बिजली खरीदनी चाहिए तो इन्हीं निजी घरानों के कॉकस के चलते उत्तर प्रदेश को रायपुर एनर्जी लिमिटेड से अप्रैल मई के लिए 11 रुपए प्रति यूनिट तक केवल 250 मेगावाट बिजली ही मिल पाई, वहीं अदानी पावर मुंद्रा लिमिटेड से जून से सितंबर के बीच केवल 250 मेगावाट बिजली ही 9.59 रुपए प्रति यूनिट से 11.10 रुपए प्रति यूनिट तक खरीदने के लिए विवश होना पडा.
प्रयागराज पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड जो टाटा ग्रुप की कंपनी है उससे भी 11 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली खरीदने के लिए विवश होना पडा. यानी यह कहना उचित होगा कि भले ही राज्य विदेशी कोयला खरीद से बच जाएंगे लेकिन उन्हें दीप पोर्टल पर भी विदेशी कोयला आधारित उत्पादन इकाइयों से महंगी बिजली खरीदने के लिए विवश होना पड़ रहा है.
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने केंद्र सरकार से देश के प्रदेश के उपभोक्ताओं के व्यापक हित में एक बार फिर पुरजोर मांग उठाई है कि पावर एक्सचेंज पर बिकने वाली बिजली पर अविलंब 12 रुपए प्रति यूनिट की जगह केंद्र सरकार छह रुपए प्रति यूनिट की सीलिंग अविलंब लगाने पर विचार करें, अन्यथा की स्थिति में विदेशी कोयला खरीदने की बाध्यता के क्रम में देश के बडे निजी घराने राज्यों को महंगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर करेंगे. इसका खामियाजा प्रदेश के उपभोक्ताओं को भुगतना पडेगा