Logo
  • August 2, 2025
  • Last Update January 8, 2025 1:51 pm
  • Noida

Namami Gange Mission-2 के लिए 2026 तक 22,500 करोड़ रुपये का बजट

Namami Gange Mission-2 के लिए 2026 तक 22,500 करोड़ रुपये का बजट

Namami Gange Mission, नमामि गंगे कार्यक्रम की जरूरत और प्रसार को देखते हुए सरकार ने 2026 तक 22,500 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ नमामि गंगे मिशन-2 (Namami Gange Mission-2) को मंजूरी दे दी है, जिसमें मौजूदा देनदारियों (11,225 करोड़ रुपये) और मौजूदा देनदारियों के लिए नई परियोजनाएं/ व हस्तक्षेप (11,275 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

नमामि गंगे कार्यक्रम को जून 2014 में 31 मार्च, 2021 तक की अवधि के लिए गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों को फिर से जीवंत करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ शुरू किया गया था।

samanyu college add

वित्तवर्ष 2014-15 से 31 जनवरी, 2023 तक सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमजीसी) को कुल 14,084.72 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिसमें से 13,607.18 करोड़ रुपये एनएमजीसी द्वारा राज्य सरकारों, राज्य को जारी किए गए हैं। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और गंगा कायाकल्प से संबंधित परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए अन्य एजेंसियां कार्य कर रही हैं।

संसद में सोमवार को जल शक्ति मंत्रालय के एक लिखित उत्तर के अनुसार, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत, अपशिष्ट जल उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, रिवर फ्रंट प्रबंधन (घाट और श्मशान घाट विकास), ई-प्रवाह, जैसे हस्तक्षेपों का एक व्यापक सेट, गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के कायाकल्प के लिए वनीकरण, जैव विविधता संरक्षण और जनभागीदारी आदि पर काम किया गया है।

अब तक, 31 दिसंबर, 2022 तक 32,912.40 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कुल 409 परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें से 232 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और उन्हें चालू कर दिया गया है।

santosh add

मंत्रालय ने बताया कि अधिकांश परियोजनाएं सीवेज इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से संबंधित हैं, क्योंकि अनुपचारित घरेलू या औद्योगिक अपशिष्ट जल नदी में प्रदूषण का मुख्य कारण है।

5,269.87 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) क्षमता के निर्माण और पुनर्वास के लिए 26,673.06 करोड़ रुपये की लागत से कुल 177 सीवरेज बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की गई हैं और लगभग 5,213.49 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क बिछाया गया है।

santosh add

इनमें से 99 सीवरेज परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिसके परिणामस्वरूप 2,043.05 एमएलडी एसटीपी क्षमता का निर्माण और पुनर्वास और 4,260.95 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क बिछाया गया है। सीवेज उपचार अवसंरचना के निरंतर संचालन को बनाए रखने के लिए हाइब्रिड वार्षिकी आधारित पीपीपी मोड को भी अपनाया गया है।

Aaj ka Rashifal, इन राशियों के लिए आज का दिन है खास

नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डो (एसपीसीबी) के माध्यम से पांच मुख्य स्टेम राज्यों में 97 स्थानों पर गंगा नदी के जल गुणवत्ता मूल्यांकन के लिए अध्ययन कर रहा है।

editor

Related Articles