Pandit Hari Prasad Chauasia संकटमोचन में चल रहे शताब्दी वर्ष के संगीत समारोह में बांसुरी का जादू बिखेरते दिखे। हरिप्रसाद चौरसिया ने सुरों का समा बांधा। प्र्स्तुति देखने वाले लोगों ने कहा, पंडित चौरसिया की हर सांस में स्वर बसते हैं।
उन्होंने अपनी मुरली से सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। पूरा संकटमोचन उनकी बांसुरी से गूंज उठा। 80 वर्ष से ज्यादा की उम्र में भी उनके पक्के सुरों को सुन दर्शक हैरान दिखे।संकट मोचन संगीत समारोह में काफी ज्यादा भीड़ भी उमड़ी।
कला और संस्कृति की नगरी काशी की जनता का जमावड़ा दिन प्रतिदिन लग रहा है। तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा संकट मोचन गूंज उठा। बीते 10 अप्रैल से हर शाम को 7:30 बजे से संगीत के महाकुंभ का आगाज हो जाता है और यह भोर तक चलता है।
बताया जा रहा है कि यह संकट मोचन संगीत समारोह का शताब्दी वर्ष है। इस लिहाज से तैयारियां खास हैं। बीती शाम पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, अनूप जलोटा, बांसुरी वादन करते पंडित रोनू मजूमदार, कत्थक प्रस्तुत करते पंडित राजेंद्र गंगानी वह गायन प्रस्तुत करते नीरज पारेख ने अपनी आवाज से समा बांधा।