PM Modi Flag off Ganga Vilas Cruise, वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को सबसे लंबे जलमार्ग पर वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए गंगा विलास क्रूज और मालवाहक जलयान को वर्चुअली हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इसके साथ उन्होंने गंगा पार रेती पर बसी टेंट सिटी और गाजीपुर व बलिया में बनी चार फ्लोटिंग जेटी का बटन दबाकर उद्घाटन किया। वहीं बिहार के दो जिलों में पांच सामुदायिक घाट की भी आधारशिला रखी।
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रविदास घाट पर आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री वर्चुअल माध्यम से जुड़ेें और गाजीपुर के सैदपुर, चोचकपुर, जमानिया और बलिया के कंसपुर में चार फ्लोटिंग कम्यूनिटी जेटी का उद्घाटन किया। इसके अलावा बिहार में पटना जिले के दीघा, नकटा दियारा, बाढ़, पानापुर और समस्तीपुर जिले के हसनपुर में पांच सामुदायिक घाटों की आधारशिला भी रखी। उन्होंने पश्चिम बंगाल में हल्दिया मल्टी मॉडल टर्मिनल और गुवाहाटी में पूर्वोत्तर के लिए समुद्री कौशल विकास केंद्र का भी लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री गुवाहाटी में पांडु टर्मिनल में जहाज मरम्मत सुविधा और एलिवेटेड रोड का शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को रविदास घाट पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअली लगभग एक घंटे तक जुड़े रहें। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय जलपत्तन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल वाराणसी के रविदास घाट पर मौजूद रहें।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों को सभा को संबोधित करते हुए, भगवान महादेव की जय-जयकार की और मकर संक्रांति व लोहड़ी के शुभ अवसर पर सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारे त्योहारों में दान, आस्था, तपस्या और आस्था और उनमें नदियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह नदी जलमार्ग से संबंधित परियोजनाओं को और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है।
उन्होंने बताया कि काशी से डिब्रूगढ़ तक के सबसे लंबे रिवर क्रूज को आज हरी झंडी दिखाई जा रही है, जो विश्व पर्यटन मानचित्र पर उत्तर भारत के पर्यटन स्थलों को सामने लाएगा। उन्होंने कहा कि आज वाराणसी, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार, असम में समर्पित की जा रही एक हजार करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाएं पूर्वी भारत में पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा देंगी।
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रिवर क्रूज के अनुभव पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि इसमें सभी के लिए कुछ न कुछ खास है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता चाहने वालों को काशी, बोधगया, विक्रमशिला, पटना साहिब और माजुली जैसे गंतव्यों को कवर किया जाएगा, एक बहुराष्ट्रीय क्रूज अनुभव की तलाश करने वाले पर्यटकों को बांग्लादेश में ढाका के माध्यम से जाने का अवसर मिलेगा, और जो भारत की प्राकृतिक विविधता को देखना चाहते हैं सुंदरबन और असम के जंगलों से होकर गुजरेगा।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत पर्यटन के एक मजबूत चरण में प्रवेश कर रहा है क्योंकि बढ़ती वैश्विक प्रोफ़ाइल के साथ, भारत के बारे में उत्सुकता भी बढ़ रही है। इसीलिए, प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले 8 वर्षों में देश में पर्यटन क्षेत्र के विस्तार के लिए कई कदम उठाए गए हैं। आस्था के स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर विकसित किया गया और काशी ऐसे प्रयासों का जीता-जागता उदाहरण है।
पूर्वी भारत के विकास के विषय पर वापस आते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि आज के कार्यक्रम पूर्वी भारत को विकसित भारत के लिए एक विकास इंजन बनाने में मदद करेंगे। यह हल्दिया मल्टीमॉडल टर्मिनल को वाराणसी से जोड़ता है और भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग और पूर्वोत्तर से भी जुड़ा हुआ है। यह कोलकाता बंदरगाह और बांग्लादेश को भी जोड़ता है। इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश तक व्यापार करने में आसानी होगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत 8 वर्षों में बदलते भारत को दुनिया ने देखा हैं। विगत वर्षों में काशी अपने पुरातन कलेवर को बनाये रखते हुए वैश्विक मंच पर स्थापित हुआ है। वाराणसी में अब पर्यटन और रोजगार में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना के अंतर्गत गंगा को स्वच्छ एवं अविरल किया गया। उन्होंने कहा कि वाराणसी में यात्री जल परिवहन शुरू होने से लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा। काशी के नाविकों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। नावों को सीएनजी में तब्दील कराया गया था। यात्री जल परिवहन के माध्यम से काशी में पर्यटन को बढ़ावा मिला है। आज काशी में पर्यटकों के आवक में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
बताते चलें कि काशी में गंगा पार रेती में बस रही टेंट सिटी से नव्य भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम और गंगा के घाटों की दिव्य छटा के दर्शन होंगे। इसका ध्यान रखते हुए तंबुओं के इस अनूठे शहर को आकार दिया गया है। असि घाट के सामने रेती के 30 हेक्टेयर क्षेत्र में इसे तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें 900 वर्ग फीट में बना गंगा विला दर्शन काटेज रिवर फेसिंस है। यह अन्य दो श्रेणियों के काटेज की तुलना में काफी आलीशान है। इसके सामने गंगा की तरफ एक पंच पुल भी दिया गया है।
जैसलमेर के सेंड ड्यून्स और गुजरात के रन आफ कच्छ की तर्ज़ पर बसाई जा रही टेंट सिटी में बनारस और धर्म अध्यात्म की झलक मिलेगी तो जीआई उत्पादों से पलक झपकना भूल जाएगी। इस लिहाज से तंबुओं के शहर को सजाने के लिए विश्व प्रसिद्ध बनारसी साड़ी की रिप्लिका का उपयोग किया गया है। दुनिया भर में मशहूर भदोही का कारपेट भी टेंट सिटी की शोभा बढ़ाएगा। पूर्वांचल के भी कई उत्पाद दिखेंगे। लग्जरी होटल की सुविधा के साथ सभी टेंट का डेकोरेशन काशी के आसपास के हैंडीक्राफ्ट व अन्य उत्पादों से किया गया है।
कार्यक्रम में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ ही उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, स्टांप एवं पंजीयन शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक डॉ अवधेश सिंह सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे।