Pratapgarh, मंगरौरा ब्लॉक में ग्राम गंगेहटी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में वृंदावन से पधारे कथा व्यास श्री कवि चंद्र दास जी ने बताया की भक्ति के दो अनिवार्य गुण होने ही चाहिए।
निष्काम और अखंडता अर्थात हमें भगवान से कोई सांसारिक वस्तु ना मांग कर भगवान को ही मांग लेना चाहिए और हाथ से संसार के काम करते हुए भी मन से भगवान का सतत सुमिरन करते रहना चाहिए।
सामान्यता भगवान के 24 प्रमुख अवतार माने जाते हैं किंतु वास्तव में असंख्य अवतार हैं भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण पूर्णा वतार हैद्य साधुओं के परित्राणऔर दुष्टों के विनाश हेतु भगवान का अवतार होता है ।
कथावाचक ने कहा कि यह शुदुर्लभ मनुष्य जन्म तभी सार्थक होता है जब शरीर छोड़ने से पहले भगवान का स्मरण होता है।
राजा परीक्षित का चरित्र सुनाते हुए उन्होंने कहा कि परीक्षित ने कलयुग को रहने हेतु 5 स्थान दिए थे, जहां शराब पी जाती हो ,जहां मांस खाया जाता है, जहां जुआ खेला जाता है ,जहां स्त्री पुरुष के साथ अवैध संबंध बनाया जाता है और जहां अन्याय से अर्जित धन होता है।
यह पांच स्थान कलयुग के स्थान है कथा में मुख्य रूप से मुख्य जजमान गंगा प्रसाद सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं श्रीमती शशि सिंह उपस्थित रहे।
सच्चा आश्रम से मनोज ब्रह्मचारी एवं वराछा से विकास पांडे प्रवक्ता एवं आयोजक संजीव सिंह प्रबंधक सेंट जेवियर स्कूल, राजीव सिंह अधिवक्ता संदीप सिंह , सदभावना ऑटो क्लास एवं समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे।