लोक सभा की सदस्यता गंवा चुके कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi को उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री Mayawati की ये बात चुभ सकती है। जिस तरह से 2024 के लोक सभा चुनाव से लगभग 14 महीने पहले कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष के तेवर दिख रहे हैं। सियासी पंडितों का मानना है कि नैरेटिव भाजपा सेट करेगी, ऐसे में विपक्ष का बंटाधार फिर से तय है। अभी जो भी सियासी गतिविधियां हो रही हैं, ये केवल ट्रेलर हैं। 14 महीने बाद पूरी फिल्म दिखेगी।
दरअसल, बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि यह दोनों पार्टियां हमेशा से ही स्वार्थ की राजनीति करती रही हैं। इन दोनों पार्टियों ने देश का कोई भला नहीं किया है। इन दोनों पार्टियों के स्वार्थ के चलते ही बेरोजगारी और पिछड़ेपन को अब तक दूर नहीं किया जा सका है।
कांग्रेस 1975 की बात पर मंथन करे
बसपा सुप्रीमो मायावती ने राहुल गांधी के संसद की सदस्यता खत्म होने पर भी अपनी राय व्यक्त की है। कहा कि कांग्रेस को सोचना चाहिए कि साल 1975 में जो हुआ क्या वह सही था और अब जो उसे पार्टी के नेता के साथ हुआ वह कितना सही है।
क्या राहुल-कांग्रेस के जले पर नमक है 48 साल पुरानी बात?
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया कि पहले कांग्रेस और अब भारतीय जनता पार्टी सरकार का हर स्तर पर अधिकांश मामलों में घोर स्वार्थ की राजनीति करने के कारण ही ग़रीबी, बेरोज़गारी और पिछड़ेपन की गंभीर समस्याओं को दूर करने की व्यापक जनहित, जन कल्याण के साथ देशहित के ज़रूरी काम पर पूरा ध्यान नहीं देना, दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसी संदर्भ में कांग्रेस पार्टी को यह ज़रूर सोचना चाहिए कि सन 1975 में जो कुछ हुआ वह क्या सही था?
नफरत से देश का भला नहीं
अब उनके नेता राहुल गांधी के साथ जो कुछ हो रहा है वो भी कितना उचित? एक दूसरे के प्रति राजनीतिक द्वेष, नफ़रत आदि से देश का न पहले भला हुआ है और न ही आगे होने वाला है। यह स्पष्ट है कि देश की आज़ादी के बाद बीते 75 वर्षों में यहां रही विभिन्न सरकारें अगर संविधान की पवित्र मंशा और लोकतांत्रिक मर्यादाओं और परंपराओं के अनुसार ईमानदारी व निष्ठा के साथ काम करती होतीं तो भारत वास्तव में अग्रणी व आदर्श मानवतावादी विकसित देश बन गया होता।
राहुल की सांसदी छिनने के काफी देर बाद बोलीं माया
बता दें कि कल कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हो गई। अब वे सांसद नहीं रह गए हैं। राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने पर तमाम विपक्षी दल के नेता कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े नजर आए। राहुल गांधी के लिए ट्वीट किया, लेकिन बसपा सुप्रीमो के किसी भी तरह का ट्वीट न करने पर सवाल खड़े हो रहे थे। अब तकरीबन 18 से 19 घंटे बाद मायावती ने भी ट्वीट किया है।