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  • November 22, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

Railway Land Encroachment : क्या सरकारी जमीन ‘हथिया’ रही जनता ? करोड़ों की जमीन पर अतिक्रमण के आरोप

Railway Land Encroachment : क्या सरकारी जमीन ‘हथिया’ रही जनता ? करोड़ों की जमीन पर अतिक्रमण के आरोप

Railway Land Encroachment का मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बहुत पेचिदा है। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के तहत आने वाले हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण का मुद्दा इन दिनों गर्माया तो लखनऊ मंडल के अधिकारियों को भी अपनी जमीनों पर हुआ कब्जा याद आया। अफसरों की लापरवाही के चलते रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जे कर लोगों ने कच्चे पक्के घर बना लिए। सही समय पर इन बेशकीमती जमीनों को खाली करने के बजाय अफसर सोते रहे। या यूं कहें अफसरों को अवैध कब्जों की खबर तो थी, लेकिन जानबूझकर वे इससे बेखबर ही रहे। उत्तर रेलवे का लखनऊ मंडल हो या पूर्वाेत्तर रेलवे का। दोनों की बेशकीमती जमीनों पर बेशुमार कब्जे हैं। अनुमान के मुताबिक पांच से 10 फीसद तक खाली पड़ी जमीनों का अतिक्रमण है, लेकिन रेलवे अधिकारियों के पास जमीनों पर हुए अतिक्रमण का रिकॉर्ड तक नहीं है। कब्जा हुई जमीनों की कीमत सैकड़ों करोड़ है। अब अतिक्रमण की सूची बनाने की रेलवे अधिकारियों की तरफ से तैयारी की जा रही है।

उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे की खाली पड़ी जमीनों से लेकर रेलवे लाइन तक के किनारे सैकड़ों छोटे-बड़े कब्जे हैं। काम कराने के लिए रेलवे की तरफ से समय-समय पर अभियान चलाकर अतिक्रमण हटवाया भी जाता है। लखनऊ में डालीगंज, गोमतीनगर, मल्हौर, सीतापुर रूट पर इस तरह के अतिक्रमण हटाए भी गए। गोमतीनगर रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन के आड़े आ रहे अतिक्रमण को भी आरपीएफ की मदद से हटाया गया, लेकिन मंडल के अन्य स्टेशनों के साथ ही ट्रैक किनारे तमाम छोटी बड़ी जमीनों पर कब्जे हैं। कच्चे तो छोड़िए पक्के निर्माण हो गए हैं।

लखनऊ के ही मवैया क्षेत्र में रेलवे की ही जमीन पर लोगों ने पक्के निर्माण करा लिए। कहां कितने अवैध निर्माण हैं कहां अतिक्रमण है इसका किसी तरह का कोई रिकॉर्ड अभी तक अफसरों ने तैयार नहीं किया। उत्तर और पूर्वाेत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में ऐसी जमीनों का ब्यौरा ही तैयार नहीं है। अब रेलवे के लैंड सेल ने रेलवे की जमीनों पर अवैध कब्जों के रिकॉर्ड जुटाने शुरू किए हैं। इंजीनियरिंग विभाग के जिम्मेदार जमीनों के अतिक्रमण की सूची बनाने के लिए लगाए गए हैं। अब जब अतिक्रमण का रिकॉर्ड तैयार हो जाएगा तब जमीन खाली कराने के लिए आरपीएफ को लगाया जाएगा।

रेलवे से जुड़े लोग ही बताते हैं कि जमीनों पर कई तरह से अवैध कब्जा किया जाता है। रेलवे की खाली पड़ी जमीनों पर झोपडिय़ां बनाकर कब्जे किए जाते हैं, मंदिर मजार और दरगाह के साथ अन्य धार्मिक स्थल बनाकर ट्रैक के किनारे कब्जे कर लिए जाते हैं। रेलवे कॉलोनियों की जमीनें भी कब्जे में हैं। उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे के सूत्रों के मुताबिक पांच 15 फीसद तक रेलवे जमीन पर कब्जे हैं, लेकिन इसका रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए पुख्ता तौर पर कुछ भी कहा नहीं जा सकता।

दोनों मंडलों के पास है 15 हजार हेक्टेयर जमीन

उत्तर व पूर्वाेत्तर रेलवे के लखनऊ मंडलों की बात करें तो दोनों के पास तकरीबन 15 हजार हेक्टेयर जमीन है। इसमें पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के पास कुल 8,449 हेक्टेयर भूमि है। इसमें 1964 हेक्टेयर जमीन खाली है। 3198 हेक्टेयर पर वन क्षेत्र है और व्यावसायिक भूमि का रकबा 9.1 हेक्टेयर है। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में 1593 हेक्टेयर खाली जमीन है। 781 हेक्टेयर पर वन हैं और सिर्फ 16 फीसद व्यावसायिक भूमि है।

अधिकारियों ने क्या बयान दिया ?

पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के जनसंपर्क अधिकारी महेश कुमार गुप्ता बताते हैं कि समय-समय पर अतिक्रमण के खिलाफ रेलवे के अधिकारी आरपीएफ के साथ मिलकर अभियान चलाते हैं। रेलवे की जिन जमीनों पर अतिक्रमण होता है, उन्हें हटाया जाता है। सर्वे कराने जैसी कोई बात है ही नहीं। तीन से चार फीसद जमीन पर सॉफ्ट एंक्रोचमेंट है उसे भी हटाया जा रहा है।

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