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  • November 22, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

Raju Bharti का भरोसा- हॉरर फिल्म ‘बेरा- एक अघोड़ी’ रहस्य रोमांच से भरपूर, रिलीज डेट- 28 अप्रैल

Raju Bharti का भरोसा- हॉरर फिल्म ‘बेरा- एक अघोड़ी’ रहस्य रोमांच से भरपूर, रिलीज डेट- 28 अप्रैल

निर्माता Raju Bharti ने भरोसा दिलाया है कि हॉरर फिल्म ‘बेरा- एक अघोड़ी’ रहस्य रोमांच से भरपूर है। धिराल एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी हॉरर हिन्दी फीचर फिल्म “बेरा – एक अघोड़ी” आगामी 28 अप्रैल को अखिल भारतीय स्तर पर प्रदर्शित होगी।

उन्होंने बताया कि फिल्म बेरा-एक अघोड़ी के लेखक हैं शक्तिवीर धिराल और निर्देशक हैं प्रेम धिराल। राजू भारती ने बताया की मूलतः हॉरर विषयक फिल्म “बेरा – एक अघोड़ी” में सिर्फ डरावने दृश्य ही नहीं हैं, बल्कि रोचक और लुभावने किस्से भी हैं। इसमें रहस्य, रोमांच के समानांतर रोमांस का तड़का भी है, जो नौजवानों को खूब पसंद आयेगा। उन्होंने बताया कि इन सारे इंद्रधनुषी दृश्यों को आपके समक्ष जीवंत रूप में दिखायेंगे अभिनेता शक्ति धिराल, प्रेम धिराल और प्राजक्ता शिंदे।

फिल्म निर्माता राजू भारती ने बताया कि फिल्म में  संगीतकार जोड़ी प्रेम-शक्ति ने कर्णप्रिय संगीत दिया है। नक्काश अजीज, शाहिद माल्या और वैशाली द्वारा गाये गीतों के लोकप्रिय होने की उम्मीद है। फिल्म के डीओपी रोशन खड़गी हैं। ऑडियो लैब मीडिया कॉर्पोरेशन द्वारा प्रदर्शित होने जा रही हॉरर फिल्म “बेरा – एक अघोड़ी” 28 अप्रैल 2023 से सिनेमाघरों में दिखाई जायेगी।

फिल्म के निर्देशक और अभिनेता प्रेम धिराल ने बताया कि फिल्म बेरा एक अघोड़ी, तंत्र मंत्र की दुनिया से दूर एक साफ सुथरी हॉरर, रहस्य रोमांच से लबरेज होने के साथ रोमांस से भी भरपूर है। निर्देशक ने फिल्म के बारे में बताया कि यह फिल्म एक ऐसी सुंदरी की कहानी है जो अपने दो प्रेमियों शक्ति और प्रेम को अपनी अंगुली पर नचाती है और स्वयं मोहित हो कर दोनों के मध्य पेंडुलम बन जाती है, जो काफी रोमांचक होगा।

Raju Bharti

फिल्म अभिनेता शक्ति धिराल ने बताया कि फिल्म ‘बेरा – एक अघोड़ी’ एक नयी सोच वाली नये ज़माने और नये मिजाज की फिल्म है, इसको यंगस्टर्स खूब एंज्वॉय करेंगे। फिल्म की अभिनेत्री प्रजक्ता शिन्दे ने बताया कि फिल्म में उनकी भूमिका एक ऐसी लड़की की है, जो पहले अपने दो प्रेमियों को अपने प्रेम जाल में फंसा कर अपनी उंगलियों पर नचाती है और फिर दोनो के बीच खुद फंस जाती है। उन्होने बताया कि लखनऊ के बारे में जितना सुना था उससे ज्यादा कहीं देखने-सुनने को मिला। यहां का खानपान, बातचीत का सायराना ढंग और यहां के चिकन के कपड़े और इमारतें अपनी ओर बहुत आकर्षित करती है।

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