Ramcharitmanas and Bageshwar Dham समाचार जगत में ट्रेंडिंग कीवर्ड बताए जा रहे हैं। बयानबाजी के साथ-साथ धार्मिक भावनाओं के आहत होने का दौर थमता नहीं दिख रहा। पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की टिप्पणी से शुरू हुआ विवाद अब कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य तक पहुंच गया है।
रामचरितमानस पर बयानबाजी से भड़के अखिल भारतीय संत समिति के जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा है कि ऐसे बयान चर्च प्रायोजित वामपंथी टूलकिट का हिस्सा हैं। देश को अस्थिर करने की साजिश हो रही है। हिंदू धर्मग्रथों को गालियां दी जाएं। हिंदुओं के उद्वेलित होकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन को सरकार और हिंदू समाज को असहिष्णु बताने का षड्यंत्र किया जा रहा है।
उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास विरचित रामचरितमानस पर टिप्पणी के लिए बिहार के शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य और कर्नाटक के एक नेता को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ रामचरितमानस पर अवांछित टिप्पणी के लिए FIR दर्ज कर देशविरोधी और राज्य में दंगा भड़काने जैसी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में जेल भेजा जाना चाहिए।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम के कृपा पात्र और 27 साल का बालक बताते हुए जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि पंजाब में पादरी के एड्स और कैंसर ठीक करने के दावों और मजारों पर चादर को लेकर सवाल नहीं किया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग तथाकथित कालनेमि संतवेशधारी वामपंथी टूलकिट का हिस्सा हैं।