Ramcharitmanas Row और विवादित बयान देकर चर्चा में आए समाजवादी पार्टी के नेता और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य को हिंदू संगठनों के साथ ही भारतीय जनता पार्टी का लगातार विरोध झेलना पड़ रहा है। आम जनता भी उनके इस बयान का विरोध कर रही है, लेकिन इसी बीच एससी एसटी और ओबीसी के 20 संगठनों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में सड़क पर उतरने का फैसला लिया है।
मौर्य के समर्थन में ओबीसी संगठनों के साथ कुल 20 एससी और एसटी संगठन समर्थन का एलान कर चुके हैं। बुधवार को इन संगठनों के नेता और कार्यकर्ता सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में पैदल मार्च करेंगे। यह पदयात्रा परिवर्तन चौक से हजरतगंज स्थित डॉ। भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा तक होगी।
इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी कार्यालय पर स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में बड़ी सी होर्डिंग भी लग गई है। अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा मुंबई के राष्ट्रीय महासचिव शूद्र उत्तम प्रकाश सिंह पटेल ने यह होर्डिंग लगाई है, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि गर्व से कहो हम शूद्र हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस और साधु संतों के खिलाफ दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी ने कोई आपत्ति दर्ज न करते हुए उन्हें राष्ट्रीय स्तर का नेता बना दिया। पार्टी ने हाल ही में जब राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की तो स्वामी को राष्ट्रीय महासचिव के पद पर प्रमोशन दे दिया। समाजवादी पार्टी के इस कदम को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश पर निशाना साधा।
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स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों को लेकर कड़ी आपत्ति भी जाहिर की। विरोध के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयानों से पीछे नहीं हटे, माफी नहीं मांगी। न ही समाजवादी पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को बयानों पर माफी मांगने के लिए कहा। स्वामी के बयानों से नाराज हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने तो उनका सिर कलम करने वाले को ₹2100000 इनाम देने की घोषणा कर दी।
एक तरफ स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार विरोध झेल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उनके समर्थन में भी लोग उतर रहे हैं। दो दिन पहले लखनऊ में ओबीसी संगठन के कार्यकर्ताओं ने रामचरितमानस की प्रतियां फाड़ कर जला दीं। इसके बाद 10 लोगों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्य का भी नाम शामिल है।