Rang Bhari Ekadashi, बाबा भोलेनाथ की अति प्रिय नगरी काशी में फागुन का रंग सभी के ऊपर सर चढ़कर बोल रहा है। रंग भरी एकादशी (Rang bhari Ekadashi) के दिन से काशी में होली की शुरुआत हो जाती है। इस दिन बाबा विश्वनाथ मां पार्वती का गौना करा कर अपने साथ अपने धाम ले जाते हैं।
टेढ़ी नीम से निकलकर बाबा व माता गौरा की पालकी गर्भग्रह में विराजमान होती है। काशीवासियों द्वारा बाबा को गुलाब अर्पित कर उनसे होली खेलने की अनुमति ली जाती है जिसके बाद काशी में होली का उल्लास छा जाता है।
रंगभरी एकादशी के दिन वाराणसी में कई स्थानों पर होलिका की नींव रखी गई। इसमें हौज कटोरा स्थित पुरुषोत्तम भगवान के मंदिर के समीप होलिका की नीव रामापुरा के पार्षद मनोज कुमार सिंह ने रखिए इस दौरान उनके साथ स्थानीय निवासी अमिताभ दीक्षित, रवि सिंह, पिंटू सरीन, मणि दीक्षित, शारदा दीक्षित समते स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
पार्षद ने कहा कि हौजकटोर में स्तिथ पुरूषोतम भगवान के मंदिर के पास होलिका की नीव रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसके अलावा भी कई जगहों पर एकादशी के दिन होलिका की नींव रखी गई। वहीं बाजार भी अबीर गुलाल और पिचकारी से पटे नज़र आ रहे हैं।