Railway Crossing, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Aditya Nath Govt) की तरफ से बुधवार को विधानसभा में पेश किए गए बजट (Budget) में रेलवे का भी खास ध्यान रखा गया है. इसमें क्रॉसिंग पर जो जाम लगता है उससे निजात दिलाने के लिए प्रावधान किया गया है.
रेलवे क्रॉसिंगों (Railway Crossing) पर लगने वाले जाम से लोगों को राहत दिलाने के लिए अंडरपास और ओवरब्रिज बनाने के काम को गति दी जाएगी. इसके अलावा ग्रामीण इलाकों के पुलों के लिए भी बजट पास किया गया है. इसके अलावा वर्तमान पुलों की मरम्मत भी कराई जाएगी. पुलों के कायाकल्प के लिए 2,350 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि दी गई है.
प्रदेश भर की रेलव क्रासिंगों पर बनने वाले उपरिगामी पुल यानी ओवरब्रिज (आरओबी) और रेलवे अंडरपास (आरयूबी) निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. प्रदेश सरकार ने अपने बजट में रेलवे के ओवरब्रिज पुलों के निर्माण के लिए अच्छा बजट जारी किया है. इन पैसों से रेलवे की ओर से बनने वाले ओवरब्रिज और अंडरपास निर्माण पर खर्च किया जाएगा.
जहां तक बात लखनऊ की है तो ऐसे सात रेलवे पुल और अंडर पास बनाने का खाका तैयार है, जिस पर 400 करोड़ रुपये के करीब खर्च होने का अनुमान है. प्रदेश भर में 36 से ज्यादा ऐसी रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज और अंडरपास बनाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है. कुछ क्रॉसिंग के लिए फीजिबिलिटी रिपोर्ट बनाई जा रही है, जबकि कई रेलवे क्रॉसिंग के लिए रेलवे की तरफ से बजट आवंटित हो गया है. अब राज्य सरकार ने अपने हिस्से का बजट जारी कर दिया है इससे निर्माण कार्य और तेज हो सकेगा.
शहर में यहां बनेंगे आरओबी
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम सुरेश कुमार सपरा का कहना है कि दिलकुशा में 77 करोड़ की लागत से रेलवे ओवरब्रिज बनाया जाएगा. केसरीखेड़ा में 59 करोड़ से ओवरब्रिज, पारा में 70 करोड़ से ओवरब्रिज, भरवारा में ओवरब्रिज पर 67 करोड़ रुपये, पिपराघाट में 18 करोड़ से अंडरपास, ग्वारी में 40 करोड़ से अंडरपास और सदर अंडरपास पर करीब 60 करोड़ रुपये से काम कराया जाएगा.
748 करोड़ की लागत से बनेंगे ग्रामीण पुल
नाबार्ड के तहत प्रदेश भर में संचालित योजनाओं से भी पुलों का निर्माण होता है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में बनने वाले पुलों पर 748 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इससे ग्रामीण आबादी को राहत मिलेगी. इस धनराशि में नए पुलों के निर्माण के साथ ही वर्तमान पुलों की मरम्मत की धनराशि भी शामिल है.
इतना होगा खर्च
: नाबार्ड संचालित पुलों के लिए 748 करोड़
: वर्तमान में बनाए जा रहे पुलों के लिए 630 करोड़ रुपये
: नेशनल हाईवे के रास्ते पर पड़ने वाली क्रॉसिंगों के आरओबी, आरयूबी के लिए 450 करोड़ रुपये
: नए आरओबी, आरयूबी के लिए 354 करोड़ रुपये
: वर्तमान पुलों की मरम्मत के लिए 90 करोड़ रुपये
: आरओबी, आरयूबी की मेंटीनेंस के लिए 50 करोड़ रुपये
: पुलों को अत्याधुनिक बनाने की कंसल्टेंसी के लिए 50 करोड़ रुपये.