Sarvesh Srivastava Kashi के ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने मां-बेटे के रिश्ते को नया आयाम देते हुए एक साड़ी पर बेहद भावुक करने वाली तस्वीर उकेरी है। सर्वेश काशी में बुनकर के रूप में काम करते हैं। इन्होंने साड़ी पर पीएम मोदी को आशीर्वाद देतीं उनकी दिवंगत मां हीराबेन की जीवंत तस्वीर बनाने के बाद सुर्खियां बटोरीं हैं। लाल रंग के कुर्ते में पीएम मोदी अपनी मां के सामने कुर्सी पर बैठे देखे जा सकते हैं।
काशी के हथकरघा बुनकर सर्वेश श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां के अलावा अयोध्या के राम मंदिर को भी साड़ी पर बनाया है। साड़ी पर पेंट से उकेरी गई बेमिसाल कृतियां देखने वाले को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। डीडी न्यूज के साथ बात करते हुए सर्वेश ने बताया कि उन्होंने जब रामलला के मंदिर के लिए अयोध्या में भूमि पूजन हुआ था, उसी समय साड़ी पर राम मंदिर का डिजाइन बनाने का फैसला लिया था।
साड़ी पर मां और प्रधानमंत्री बेटे की डिजाइन
दिलचस्प है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद भी हैं। 2014 में जब वे पहली बार चुनावी सभा के सिलसिले में बनारस पहुंचे थे तो उन्होंने कहा था कि उन्हें मां गंगा ने बुलाया है। खुद को भागीरथी गंगा और पूरे देश की माताओं का बेटा बताने वाले पीएम मोदी की लोकप्रियता और उनकी इमेज के बारे में काशी के बुनकर सर्वेश बताते हैं कि हमारे देश के प्रधानमंत्री देश के विकास के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं। हमेशा देश के बारे में भला सोचते हैं। इसलिए उनकी मां का आशीर्वाद उनके लिए बहुत जरूरी है। इसी का परिणाम है कि प्रधानमंत्री मोदी नेक कार्य करने में लगे हुए हैं। उनसे प्रभावित होने के कारण उन्होंने साड़ी पर मां-बेटे की डिजाइन बनाई।
प्रधानमंत्री के प्रयास से काशी के हैंडलूम को संजीवनी
उन्होंने कहा, काशी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तोहफे के रुप में साड़ी भेंट की जाएगी। उन्होंने कहा, काशी हस्तकला को संजीवनी मिले, इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रयास कर रहे हैं। कला को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार ने एक अवसर भी दिया है।
पीएम मोदी दुनिया में दिलाएंगे काशी को पहचान
बकौल सर्वेश, पीएम मोदी की प्रेरणा से अब कॉर्पोरेट घराने भी हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट में रूचि दिखा रहे हैं। हालात में सुधार पीएम के प्रयासों की देन है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में काशी के बुनकर भी कॉरपोरेट घराने में तब्दील हो जाएंगे। पूरे विश्व पटल पर इसकी पहचान को प्रमोट करने के लिए प्रधानमंत्री ने खुद पहल की है।