Sharad Yadav का निधन 75 साल की आयु में हुआ। इलाज के दौरान शरद यादव ने हरियाणा के गुरुग्राम में एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। बेटी सुभाषिनी ने ट्वीट कर शरद यादव के निधन की सूचना दी। शरद यादव सात बार संसद पहुंचे। तीन राज्यों से निर्वाचित होकर संसद पहुंचने वाले शरद यादव समाजवादी राजनीति के पुरोधा माने जाते हैं। बिहार को कर्मभूमि बनाने वाले शरद यादव का जन्म मध्य प्रदेश में हुआ था।
लोकनायक जय प्रकाश नारायण के मार्गदर्शन में सियासी करियर शुरू करने वाले शरद यादव लालू प्रसाद यादव, बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई लोगों के राजनीतिक करियर में मेंटर और गाइड की भूमिका में देखे जाते हैं। वंचित तबके की आवाज बुलंद करने वाले शरद यादव जेडीयू के अध्यक्ष रहे, लेकिन नीतीश से मनमुटाव और जेडीयू से मतभेद के बाद Sharad Yadav ने खुद की पार्टी बनाई। बाद में उन्होंने राजद में शामिल होने का ऐलान कर दिया।
शरद से लालू की लड़ाई
निधन के समय उनकी पहचान राजद नेता शरद यादव की रही। उनके निधन पर सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट कराकर अस्पताल में इलाज करा रहे लालू प्रसाद यादव भावुक हो गए। उन्होंने श्रद्धांजलि देते हुए शरद यादव से जुड़ी यादें शेयर कीं। लालू ने कहा कि कई बार उनसे असहमति होने के बाद भी कभी शरद के साथ मनभेद या लड़ाई जैसी स्थिति नहीं पैदा हुई। यह भी दिलचस्प है कि शरद ने लालू को बिहार की मधेपुरा सीट पर हुए चुनाव में करारी शिकस्त दी थी।
अभी सिंगापुर में रात्रि में के समय शरद भाई के जाने का दुखद समाचार मिला। बहुत बेबस महसूस कर रहा हूँ। आने से पहले मुलाक़ात हुई थी और कितना कुछ हमने सोचा था समाजवादी व सामाजिक न्याय की धारा के संदर्भ में।
शरद भाई…ऐसे अलविदा नही कहना था। भावपूर्ण श्रद्धांजलि! pic.twitter.com/t17VHO24Rg
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 12, 2023
लालू के ट्विटर पर लिखा गया-
अभी सिंगापुर में रात्रि में के समय शरद भाई के जाने का दुखद समाचार मिला। बहुत बेबस महसूस कर रहा हूँ। आने से पहले मुलाक़ात हुई थी और कितना कुछ हमने सोचा था समाजवादी व सामाजिक न्याय की धारा के संदर्भ में। शरद भाई…ऐसे अलविदा नही कहना था। भावपूर्ण श्रद्धांजलि!