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  • November 24, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

Steel Waste से बन रही सड़कें, रांची-जमशेदपुर रोड पर भी इस्तेमाल

Steel Waste से बन रही सड़कें, रांची-जमशेदपुर रोड पर भी इस्तेमाल

Steel Waste, देश में स्टील उत्पादन के दौरान निकलने वाले कचरे यानी स्लैग का इस्तेमाल अब देश में सड़कों के निर्माण में किया जा रहा है। रांची-जमशेदपुर के बीच हाल में बनकर तैयार हुई इंटर कॉरिडोर फोर लेन सड़क में स्टील उद्योग से निकले कचरे का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हुआ है।

वेस्ट मटेरियल माना जाने वाला स्टील स्लैग स्टील इंडस्ट्री के लिए बहुत दिनों से एक बड़ी मुसीबत बनकर सामने आ रहा था। देश के सड़क-परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रयोग की तारीफ की है। गडकरी ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला है। उन्होंने कहा है कि रोड निर्माण में स्टील स्लैग के इस्तेमाल से लागत में कमी आती है। सड़क मजबूत बनती है और इसकी थिकनेस भी कम हो जाती है।

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गडकरी के मुताबिक देश में सड़क निर्माण में अब एग्रीगेट के रूप में स्टील स्लैग का इस्तेमाल किया जा रहा है। सूरत (गुजरात) के हजीरा में सिक्स लेन का पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद झारखंड में भी इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया है।

रांची-जमशेदपुर इंटर कॉरिडोर में 4-लेन मार्ग निर्माण में स्टील स्लैग का इस्तेमाल हुआ है। इस सड़क में शहरबेड़ा नामक जगह से महुलिया तक 44 किमी की दूरी तक के निर्माण में इसका इस्तेमाल किया गया है।

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सीएसआईआर (काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) की मदद से सूरत में स्टील कचरे से बनाई गई पहली सड़क पूरे देश के लिए उदाहरण बन गई। सीएसआईआर के अनुसार देश में पारंपरिक सड़कों की तुलना में स्टील की सड़क ज्यादा टिकाऊ और मजबूत पाई गई है। यह मानसून के सीजन में होने वाले नुकसान से भी बचा सकती है।

बता दें कि देश में स्टील के उत्पादन में तेजी के कारण स्लैग भी बड़े पैमाने पर निकल रहा है। 2030 तक हर साल 30 करोड़ टन स्टील बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें हर साल 6 करोड़ टन स्टील स्लैग निकलने का अनुमान है। इसे नई तकनीक से इस स्टील स्लैग का इस्तेमाल सड़क निर्माण में एग्रीगेट के रूप में किया जा रहा है।

गौरतलब है कि 23 मार्च को नितिन गडकरी रांची और जमशेदपुर आए थे। उन्होंने रांची में नेशनल हाईवे के रांची प्रक्षेत्र की 9400 करोड़ की 21 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। शिलान्यास कार्यक्रम में कहा था कि रांची-जमशेदपुर रोड के निर्माण पर एक किताब लिखी जा सकती है।

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