UP Driving Licence: परिवहन विभाग VIP कल्चर खत्म करने पर जोर दे रहा है। अब लर्नर लाइसेंस के लिए वीआईपी स्लॉट नहीं मिलेगा। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने आरटीओ कार्यालय में वीआईपी व्यवस्था खत्म करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि ड्राइविंग लाइसेंस में लर्नर लाइसेंस के लिए जो वीआईपी स्लॉट हैं उन्हें खत्म किया जाएगा।
इस फैसले के बाद लखनऊ समेत प्रदेश के सभी आरटीओ कार्यालय में अब वीआईपी भी साधारण हो जाएंगे। यानी वीआईपी स्लॉट से बनने वाले लर्नर डीएल की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। बता दें कि आरटीओ कार्यालय में रोजाना छह वीआईपी आवेदन और एआरटीओ कार्यालय में दो वीआईपी आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।
घर बैठे फेसलेस की व्यवस्था फेल
ऐसे आवेदक जिनकी उम्र 18 साल हो चुकी है वे फेसलेस और आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था के तहत लर्निंग डीएल बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, लेकिन व्यवस्था में खामियों के चलते परिवहन विभाग को कई लाख का नुकसान हर रोज हो रहा है। फेसलेस डीएल आवेदन में ढेरों तकनीकी सिस्टम है जिससे आवेदक फॉर्म तक फिल नहीं कर पा रहे हैं। जब फॉर्म भर जा रहा है तो घर बैठे परीक्षा में फेल हो जा रहे है। इससे परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन में भी गिरावट हुई है।
आधे ऑनलाइन आधे ऑफलाइन का प्रस्ताव
परिवहन विभाग में लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की दो तरह की व्यवस्था है। पहला बिना आरटीओ ऑफिस जाए फेसलेस और आधार प्रमाणीकरण के तहत घर बैठे ऑनलाइन आवेदन। दूसरा परिवहन विभाग की वेबसाइट पर आवेदन कर टाइम स्लॉट लेने के बाद आरटीओ कार्यालय में औपचारिकता पूरा करना। लर्नर डीएल आवेदन में दो व्यवस्थाओं को 50-50 फीसदी करने के लिए पूर्व में प्रस्ताव दिए गए थे। परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने समीक्षा कर ये व्यवस्था लागू करने की बात कही है।
ड्राइविंग लाइसेंस लंबित, ब्लैकलिस्ट करने की चेतावनी
रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते ड्राइविंग लाइसेंस के लिए चिप की कमी हो गई है जिससे दो लाख से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस पेंडिंग हो गए हैं। इससे प्रदेश भर में लाखों डीएल आवेदकों की परेशानी बढ गई है। परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने डीएल प्रिंट करने वाली निजी कंपनी को 31 मार्च तक सुधार के लिए चेतावनी दी है। अगर फिर भी पेंडेंसी हुई तो कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही।