UP Metro Makar Sankranti से पहले अलर्ट हो गया है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC)ने मकर संक्रांति के अवसर पर अपील की है कि मेट्रो कोरिडोर के आसपास लोग पतंगबाजी न करें। लखनऊ मेट्रो ने इस बारे में समय-समय पर विभिन्न जागरूकता अभियान चलाए हैं, क्योंकि कोरिडोर के आसपास पतंग उड़ाने से न केवल मेट्रो सेवाओं को नुकसान होता है, बल्कि बिजली की आपूर्ति में भी कई बार बाधा आती है।
चाइनीज और मेटलिक मांझे से पतंगबाजी करने से पतंग उड़ाने वालों की जान को भी खतरा रहता है। मेट्रो के ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर (ओएचई) लाइन 25 हजार वोल्ट की बिजली या 25 केवी के वोल्टेज की आपूर्ति करती है। मेटलिक वायर से पतंग उड़ाने या उसके पास फंसी पतंग के कारण पतंग उड़ाने वाले को बिजली का झटका भी लग सकता है और यह घातक हो सकता है। यह समझना भी जरूरी है कि जब कॉरिडोर पर मेट्रो ट्रेनें नहीं चल रही हों या यात्री सेवाएं बंद हों (रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक), तब भी ओवरहेड विद्युतीकरण के तार चार्ज होते हैं और बिजली का करंट मौजूद रहता है।
UPMRC ने सभी नागरिकों से एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में सीसीएस एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक पूरे मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंगबाजी को पूरी तरह बंद करने के अभियान में सहयोग करने की अपील की है। कहा है कि सार्वजनिक संपत्ति को इससे नुकसान पहुंचता है और इससे जानमाल का नुकसान भी हो सकता है। ये भी याद दिलाया है कि यह एक दंडनीय अपराध है।
चाइनीज मांझा से होने वाले नुकसान
- चाइनीज मांझा में पतंगबाजी के लिए धातु के प्रयोग से बिजली आपूर्ति बाधित होती है।
- स्टार्टर और मोटर बाइंडिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले तांबे के तारों के साथ-साथ कांटेदार धातु के तारों का इस्तेमाल पतंग काटने और लूटपाट के लिए भी किया जाता है।
- पतंगबाजी के इन तरीकों से राहगीरों के गले और आंखों पर गंभीर चोट लगती है और पशु-पक्षियों का जीवन भी प्रभावित होता है।
- भारतीय रेल के मेट्रो, पारेषण और वितरण के अलावा, राष्ट्रीय ग्रिड और उत्तर प्रदेश बिजली विभाग भी प्रभावित हो रहे हैं।
- चाइनीज मांझा धातु के प्रयोग के कारण विद्युत का सुचालक है। मेट्रो की ओएचई लाइन 25 हजार वोल्ट या 25 केवी के वोल्टेज को बिजली की आपूर्ति करती है, और इस प्रकार बिजली के झटके से पतंग उड़ाने वाले की मौत हो जाती है।