UP Roadways Driver on Mobile Tower: सुसाइड की धमकी देकर मोबाइल टावर पर चढ़े संविदा चालक को सुरक्षित नीचे उतारने में मशक्कत का मामला सामने आया है। रोडवेज अधिकारियों की कार्यशैली से परेशान संविदा चालक कूद कर जान देने की धमकी दे रहा है। UPSRTC के अधिकारी कर्मचारी को मनाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। साढ़े छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लखनऊ के जिलाधिकारी और परिवहन निगम (UPSRTC) के प्रबंध निदेशक के आश्वासन के बाद टावर पर चढ़े संविदा चालक राजू को उतारने में कामयाबी मिली। सुबह लगभग 7:45 बजे संविदा चालक राजू टावर पर चढ़ा था। उसका आरोप था कि जितनी तनख्वाह मिलती है उसमें आधी रिकवरी कर ली जाती है।
मौके पर मौजूद क्षेत्रीय प्रबंधक, सेवा प्रबंधक, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक की अपील के बावजूद राजू टावर से नहीं उतरा। लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी कोशिश की लेकिन नतीजा सकारात्मक नहीं रहा। इसके बाद परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने नीचे से फोन पर चालक राजू से बात की और आश्वासन दिया कि नीचे उतरे. समस्या का समाधान बिल्कुल होगा। जो कार्रवाई चाहते हैं वह की जाएगी। इसके बाद हाइड्रोलिक मंगवाकर चालक को टावर से नीचे उतारा गया।
अलीगढ़ क्षेत्र के एआरएम को तलब किया उन्होंने भरोसा दिया कि मामले की पूरी जांच कराई जाएगी। अधिकारी गलत और जिम्मेदार होगा तो कार्रवाई की जाएगी। किसी तरह से परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर गलत तरह से वेतन से रिकवरी की गई है तो अधिकारी दंडित किए जाएंगे।
इससे पहले रोडवेज का संविदा चालक लखनऊ के अवध डिपो कार्यशाला स्थित मोबाइल के टावर पर चढ़ गया था। संविदा चालक लगातार टावर से कूदने की धमकी भी देता रहा। चालक के टावर पर चढ़े होने की जानकारी जब रोडवेज के सीनियर अधिकारियों को मिली तो भी मौके पर मनाने के लिए पहुंचे लेकिन खबर लिखे जाने तक चालक का हाई वोल्टेज ड्रामा जारी रहा।
चालक का कहना है कि जब तक उसे आश्वासन नहीं मिलेगा कि रोडवेज के अधिकारी उसे परेशान नहीं करेंगे तब तक नीचे नहीं उतरेगा। अगर आश्वासन नहीं मिला तो वह टावर से कूदकर जान दे देगा। अधिकारी संविदा चालक को मनाने में जुटे हुए हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, रोडवेज के अलीगढ़ रीजन में तैनात संविदा चालक राज गुरुवार सुबह अवध डिपो कार्यशाला में बस खड़ी करने के बाद पास ही लगे ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़ गया। संविदा चालक राज का आरोप है कि बेवजह ही अधिकारी परेशान कर रहे हैं। ड्यूटी के लिए बिल्कुल खटारा बसें देते हैं और उन्हें इनकम भरपूर चाहिए होती है। बीच रास्ते में बस खराब हो जाती है। बस जर्जर स्थिति में है तो चालक की भला क्या गलती है?
ड्राइवर के अनुसार डीजल चोरी का झूठा आरोप भी लगाया जाता है। वेतन से पैसे की कटौती कर ली जाती है। महंगाई के दौर में वेतन पर्याप्त नहीं है। उसमें भी जब पैसे कट जाते हैं तो घर चलाना मुश्किल हो जाता है। बेवजह रोडवेज के अधिकारी चालक परिचालकों को परेशान करते हैं। संविदा कर्मियों का नौकरी कर पाना मुश्किल हो रहा है।
टावर पर चढ़े संविदा चालक राज को मनाने के लिए लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर और सेवा प्रबंधक भी मौके पर पहुंचे। पुलिस को भी चालक के टावर पर चढ़े होने की जानकारी दी गई, लेकिन सभी लोगों की कोशिश बेकार रही। UPSRTC प्रबंधन पर आरोप है कि इन दिनों संविदा चालक परिचालकों को ज्यादा इनकम डालने के लिए लगातार प्रबंधन की तरफ से दबाव बनाया जा रहा है। इसके चलते संविदा पर तैनात चालक परिचालकों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। जब लोड फैक्टर नहीं आ पा रहा है तो उनके वेतन से कटौती कर ली जा रही है जिससे उन्हें काफी दिक्कत हो रही है।
रोडवेज कर्मचारी मजदूर संघ के प्रवक्ता रजनीश मिश्रा का कहना है कि संविदा कर्मियों के हित के बारे में परिवहन निगम के सीनियर अधिकारियों को जरूर सोचना चाहिए। यूनियन की तरफ से रोडवेज अधिकारियों से मांग की गई है कि अच्छी स्थिति की बसें ही संविदा चालक परिचालकों को दी जाएं जिससे उनकी इनकम आ सके और ड्राइविंग के लिए तय किलोमीटर पूरे किए जा सकें। किसी भी चालक व परिचालक को टावर पर चढ़कर जान देने के लिए मजबूर न होना पड़े। टावर पर चढ़े संविदा चालक राज की मां का भी कहना है कि रोडवेज के अधिकारी बेटे को बहुत परेशान करते हैं। तंग आकर सुसाइड करने के इरादे से वह टावर पर चढ़ गया। अधिकारियों को परेशाना नहीं करना चाहिए। सभी पूरी लगन से काम कर रहे हैं।