UP Roadways Privatisation की आशंका से आक्रोश बढ़ रहा है। रोडवेज के निजीकरण से नाराज यूनियन नेता बड़ा आंदोलन करेंगे। परिवहन निगम में किए जा रहे निजीकरण 75% अनुबंधित बसों को लगाए जाने को लेकर व विभिन्न लंबित कर्मचारी समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ ने पूर्व में आंदोलन किया था। नोटिस भी दिया, लेकिन निगम प्रबंधन ने कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की। इसे लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ ने प्रांतीय कार्यालय चारबाग में आगामी 13 नवंबर को सभी मान्यता प्राप्त संगठनों की एक मीटिंग बुलाई है।
उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी रजनीश मिश्रा ने सभी यूनियन के नेताओं से अपील की है कि सभी संगठन आपसी मतभेद प्रतिस्पर्धा को भुलाकर कर्मचारी व निगम हितों और परिवहन निगम को बचाने के लिए एक मंच पर आ जाएं। सभी लोग मिलकर इस लड़ाई को लड़ने का काम करें जिससे परिवहन निगम फिर से विकास के पथ पर चलने लगे। इस आंदोलन में यदि कोई कुर्बानी देनी पड़ेगी तो उसके लिए सभी कर्मचारी तैयार रहें।
बता दें कि परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव की तरफ से रोडवेज की फ्लीट में 75 फीसद प्राइवेट बसें और 25 फीसद रोडवेज बसें शामिल करने का शासनादेश जारी किया गया है। इसे लेकर सभी रोडवेज यूनियन के नेता विरोध दर्ज करा रहे हैं। अलग-अलग संगठन एक मंच पर आकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।